गुडग़ांवI साईबरसिटी यानि कि मिलेनियम सिटी में बड़ी संख्या में संपन्न लोग निवास करते हैं। इन संपन्न व्यक्तियों के अपने ही अलग शौक भी हैं। स्टेटस सिंबल बने विदेशी नस्ल के खूंखार डॉगी पालने का शौक इन संपन्न परिवारों में देखा जा सकता है। लेकिन इनका यह शौक अब दूसरे लोगों के लिए भी जानलेवा साबित होता जा रहा है। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में इन खूंखार डॉगी के शिकार कई लोग हो भी चुके हैं। इतना ही नहीं, इस प्रकार का मामला उपभोक्ता अदालत में भी पहुंचा था। जिस पर उपभोक्ता अदालत ने डॉगी के काटे जाने से डॉगी के मालिक पर लाखों का जुर्माना भी लगाया था। विश्व में खतरनाक नस्ल के माने जाने वाले पिटबुल, रोटव्हिलर, जर्मन शेफर्ड, बुलमास्टिक, बॉस्कर सहित कई अन्य नस्लों के डॉगी इन संपन्न लोगों द्वारा पाले जा रहे हैं।
जो अवसर मिलते ही लोगों पर हमला कर देते हैं। नगर निगम ने इन पालतू डॉगी का रजिस्टे्रशन कराने का आदेश भी जारी किया हुआ है। लेकिन बहुत ही कम लोगों ने अपने डॉगी का रजिस्टे्रशन नगर निगम में कराया है। जानकारों का मानना है कि पिटबुल नस्ल के डॉगी के पालने पर तो विश्व के 41 देशों ने प्रतिबंध तक लगाया हुआ है, लेकिन गुडग़ांव में इनकी संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। जानकारों का यह भी कहना है कि संपन्न लोग मात्र 500 रुपए नगर निगम में शुल्क भरकर अपने डॉगी का रजिस्ट्रेशन करा लेते हैं। इनका हर वर्ष नवीनीकरण भी किया जाता है। यदि किसी पालतू डॉगी में हिंसक होने के लक्षण दिखाई देते हैं तो इसकी सूचना डॉगी पालक को नगर निगम को देनी होगी, लेकिन इसकी पालना बहुत ही कम हो पाती है।
इस प्रकार के डॉगी द्वारा बच्चों व बड़ों को काटे जाने की कई घटनाएं घटित भी हो चुकी हैं। पिछले दिनों 11 अगस्त की प्रात: सिविल लाइन क्षेत्र में काम पर जा रही मुन्नी नामक महिला को पिटबुल ने हमला कर घायल कर दिया था। इसी प्रकार की घटनाएं हाईराइज बिल्डिंग सोसायटीज में भी देखने और सुनने को मिल रही हैं। जानकारों का कहना है कि जिला प्रशासन विशेषकर नगर निगम को इस ओर ध्यान देना चाहिए ताकि संपन्न व्यक्तियों के महंगे शौक से आमजन को बचाया जा सके।
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