गुडग़ांव, खेडक़ीदौला टोल प्लाजा को शिफ्ट करने का
आश्वासन सरकार द्वारा बहुत समय से जिलेवासियों को दिया जा रहा है, लेकिन
टोल प्लाजा आज तक भी शिफ्ट नहीं हुआ है। टोल प्लाजा शिफ्ट करने की मांग
आईएमटी मानेसर स्थित औद्योगिक प्रतिष्ठानों के उद्यमी भी करते रहे हैं।
टोल प्लाजा हटाने के लिए टोल प्लाजा संघर्ष समिति का गठन किया गया। धरने
प्रदर्शन का आयोजन भी हुआ, लेकिन सरकार ने टोल हटाने का अपना वायदा पूरा
नहीं किया। टोल प्लाजा को लेकर जिला बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान संतोख
सिंह का कहना है कि टोल प्लाजा कंपनी को खेडक़ीदौला में टोल प्लाजा लगाने
का कोई अधिकार नहंी था। कंपनी ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के
तत्कालीन अधिकारियों से साठगांठ कर अवैध स्थान पर टोल प्लाजा लगा दिया
था। खेडक़ीदौला टोल प्लाजा पूर्ण रुप से अवैध है। उनका कहना है कि केंद्र
सरकार के भूतल परिवहन मंत्रालय ने कभी भी खेडक़ीदौला में टोल प्लाजा लगाने
के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को अधिकृत नहीं किया। टोल प्लाजा
कंपनी ने अधिकारियों से साठगांठ कर ही यह टोल प्लाजा लगाया हुआ है।
उन्होंने प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि टोल प्लाजा
कंपनी के खिलाफ अवैध स्थान पर टोल प्लाजा लगाने के लिए कार्यवाही करें और
टोल प्लाजा को जनहित में तुरंत खुलवाया जाए, ताकि आम जनता व इस क्षेत्र
में स्थापित उद्योगों के उद्यमियों को भी लाभ मिल सके। आए दिन टोल प्लाजा
पर वाहनों का जाम लगा रहता है, जिससे औद्योगिक क्षेत्र की गतिविधियां भी
प्रभावित होती हैं।
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