गुडग़ांव, वैश्विक कोरोना वायरस संक्रमण से लोगों को
बचाने के प्रयास में लॉकडाउन चल रहा है। दूसरे चरण के लॉकडाउन के 7वें
दिन भी शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों की सडक़ों पर सन्नाटा छाया रहा। जिला
प्रशासन ने गत दिवस सरकारी कार्यालयों को खोल दिया है। मंगलवार को दूसरे
दिन भी विभिन्न कार्यालयों में कर्मचारियों की संख्या सरकार के
निर्देशानुसार ही रही। 50 वर्ष से अधिक आयु के कर्मचारियों को अभी
कार्यालय में नहीं बुलाया जा रहा है। सभी सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति
33 प्रतिशत बताई गई है। अधिकांश कार्यालया में पिछला पैंडिंग काम ही
निपटाया जा रहा है। कर्मचारी भी सामाजिक दूरी का पूरा पालन करते हुए अपनी
ड्यूटी को अंजाम दे रहे हैं। जिला प्रशासन प्रतिष्ठानों को लॉकडाउन में
राहत देने के मूड में नहीं दिखाई दे रहा है। हालांकि बड़ी संख्या में
प्रतिष्ठानों ने लॉकडाउन की अवधि में कार्य करने के लिए प्रशासन को आवेदन
किया भी है। जिला प्रशासन का मानना है कि वायरस के संक्रमण को रोकना
सरकार की प्राथमिकता है। इसको ध्यान में रखकर ही राहत देने पर विचार किया
जाएगा। जिला प्रशासन का कहना है कि प्रदेश सरकार का भी यही प्रयास है कि
स्थिति सामान्य हो और शीघ्र ही उद्योग-धंधे खुल जाएं तथा लोगों को काम
मिलना शुरु हो जाए, लेकिन सुरक्षा को खतरे में डालकर उद्योग-धंधे खोलने
की इजाजत कतई भी नहीं दी जाएगी। गुडग़ांव जिले में गत दिवस एक कोरोना
पॉजिटिव मिलने से और अधिक सतर्क हो गया है। लॉकडाउन का पूरा पालन कराने
में प्रशासन ने अपनी पूरी ताकत झौंकी हुई है। लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर
जहां लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए जा रहे हैं, वहीं उनके वाहनों को भी
इम्पाउण्ड किया जा रहा है। शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में लगे पुलिस के
नाकों पर सख्ती से जांच की जा रही है। लापरवाह लोगों की लगाम कसने में
प्रशासन कोई कोर कसर बाकी नहीं रख रहा है।
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