गुडग़ांवI द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सेकेंड लेफ्टीनेंट राम राघोबा राणे ने अद्वितीय शौर्य प्रदर्शन किया था। उनकी पुण्यतिथि पर वक्ताओं ने उन्हें याद करते हुए कहा कि उनका जन्म 26 जून 1918 को कर्नाटक के करवार जिले में हावेरी गांव में हुआ था। शिक्षा प्राप्त करने के बाद वह देश को आजाद कराने के लिए चलाए जा रहे असहयोग आंदोलन से प्रभावित थे। पिता पुलिस विभाग में कार्यरत थे। राणे की अंग्रेजों के प्रति बढ़ते जा रहे विरोध से उनके पिता बड़े चिंतित थे।
वह दूसरे विश्व युद्ध के बाद सेना में शामिल हो गए थे और भारतीय सेना के कोर ऑफ इंजीनियर्स के बॉम्बे सैपर्स रेजिमेंट में नियुक्त किए गए थे। 1947-48 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान राणे ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनकी वीरता के लिए सरकार ने उन्हें परमवीर चक्र से भी सम्मानित किया था। उन्होंने सेना में 28 साल की सेवा दी और वर्ष 11 जुलाई 1994 में उनका निधन हो गया था। वक्ताओं ने कहा कि ऐसे जांबाज सैन्यकर्मियों व अधिकारियों की सजगता के कारण ही पूरा देश चैन की नींद सोता है। राष्ट्र को उन्हें नमन करना चाहिए।
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