गुडग़ांवI फर्जी बिलों पर इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) से 15 करोड़ रुपए वसूलने के मामले में 2 चार्टेड अकाउंटेंट (सीए) को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में गत सप्ताह जिला जेल भेज दिया गया था। जिला की एक अदालत ने गत शनिवार को सीए गौरव और सीए सुनील की जमानत याचिका पर अपना फैसला सोमवार के लिए सुरक्षित रख लिया था। अदालत ने दोनों सीए की जमानत याचिकाएं खारिज कर दी हैं। अदालत के आदेश की प्रति के लिए पीडि़तों के अधिवक्ताओं ने आवेदन कर दिया है ताकि निचली अदालत के फैसले को उच्च अदालत में चुनौती दी जा सके।
उधर हरियाणा टैक्स बार के उपाध्यक्ष दीपक कटारिया का कहना है कि इस प्रकरण की शिकायत केंद्रीय वित्तमंत्री व अन्य उच्चाधिकारियों से भी की गई, जिसके फलस्वरुप उच्चाधिकारियों ने डिप्टी कमिश्रर जीएसटी और सुपरीटेंडेंट को निलंबित भी कर दिया है तथा मामले की जांच के आदेश भी दिए गए बताए जाते हैं। इस मामले को लेकर हरियाणा टैक्स बार के अधिवक्ताओं में जीएसटी विभाग के खिलाफ रोष व्याप्त हो गया है। उन्होंने गत शनिवार को जहां धरना प्रदर्शन का आयोजन किया था, वहीं इन अधिकारियों की मनमानी के खिलाफ अपना विरोध भी दर्ज कराया था।
टैक्स बार के पदाधिकारियों का कहना है कि जीएसटी के अधिकारियों की मनमानी किसी भी तरह से सहन नहीं की जाएगी। कर अधिवक्ताओं को इन मामलों में जबरदस्ती फंसाया जा रहा है। बार ऐसा नहीं होने देगी। गौरतलब है कि उक्त प्रकरण में दोनों सीए को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। शनिवार को उनकी जमानत याचिका पर अदालत ने सुनवाई की थी और जमानत पर फैसला सोमवार तक के लिए सुरक्षित रख लिया था, जो अदालत ने दोनों की जमानत याचिकाएं खारिज करते हुए सुना दिया है।
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