गुडग़ांव , तीन कृषि कानूनों को लेकर किसान संगठन केंद्र
सरकार का विरोध करते आ रहे हैं और इन तीनों कानूनों को रद्द कराने की
मांग भी कर रहे हैं। करीब नौ महीने से किसान दिल्ली की सीमाआें पर डेरा
डाले पड़े हैं। अन्य प्रदेशों में भी किसान आंदोलन के समर्थन में वह
पिछले कई महीनों से धरने प्रदर्शनों की आयोजन भी बदस्तूर चल रहा है।
गुडग़ांव में संयुक्त किसान मोर्चा धरना प्रदर्शन करता आ रहा है। सोमवार
को किसान मोर्चा के जिलाध्यक्ष संतोक सिंह अगुवाई में गुडग़ांव से कई
कार्यकर्ता टीकरी बार्डर पहुंचे और गुडग़ांव से ले जाई गई मिट्टी और जल
किसान शहीद स्मारक पर चढ़ाया। संतोक सिंह बताया कि युवा साथी पैदल ही और
कई मोटर साईकिलों पर सवार होकर शहीद स्मारक पर पहुुंचे। किसान आंदोलन में
शहीद हुए किसानों को श्रद्घांजलि भी दी गई। उनका कहना है कि किसान संगठन
देश की संसद के समानांतर जंतर-मंतर पर किसान संसद का आयोजन करते आ रहे
हैं और केंद्र सरकार से मांग कर रहे हैं कि उनके द्वारा बनाए गए तीनों
कृषि कानूनों को रद्द किया जाए। वार्ता का मार्ग प्रशस्त किया जाए। उनका
कहना है कि इन कृषि कानूनों का लाभ पूंजीपतियो को ही होगा। किसान आंदोलन
जन आंदोलन बन चुका है। जब तक यह तीनों कानून वापस नहीं हो जाते तब तक
आंदोलन जारी रहेगा। टीकरी बार्डर पर पहुंचने वालों में मनोज, चैतन्य
कटारिया, संदीप, समीर सांगवान, वैभव, दीपक, अरुण कुमार, सुमित कुमार आदि
शामिल रहे।
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