गुरुग्राम कोरोना महामारी ने जहां विश्व के देशों को झकझोर
कर रख दिया है, वहीं भारत भी इससे अछूता नहीं रहा है। हमारे देश में भी
कोरोना महामारी की दूसरी लहर चल रही है। असंख्य लोग कोरोना की चपेट में आ
चुके हैं। कोरोना की दूसरी लहर से पूर्व भी इस वर्ष जनवरी माह में
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वास्थ्य मिशन को लेकर तैयार की गई कोरोना
वैक्सीन देश के विभिन्न प्रदेशों में देशवासियों को लगनी शुरु हो गई थी।
कोरोना महामारी की दूसरी लहर का असर कोरोना वैक्सीन के कारण नियंत्रित
रहा है। अन्यथा हालात बद से बदतर अवश्य हो जाते। शुरुआत में कोरोना
वैक्सीन को लेकर लोग हिचक रहे थे। तरह-तरह के भ्रामक प्रचार भी किए जा
रहे थे और केंद्र व राज्य सरकारें तथा वैज्ञानिक भी लोगों से आग्रह कर
रहे थे कि वे भ्रामक प्रचारों से बचें और कोरोना से अपना जीवन सुरक्षित
रखने के लिए वे वैक्सीन अवश्य लगवाएं। हालांकि जब कोरोना वैक्सीन के
उत्पादन की तैयारियां की जा रही थी, उस समय भी केंद्र सरकार अपने स्टैण्ड
पर अडिग़ रही और कोरोना वैक्सीन बनवाकर ही दम लिया। सरकार ने कोरोना
वैक्सीन 3 स्तरों पर चलाई हुई है। यानि कि 45 से अधिक आयु के लोगों के
लिए और दूसरे 18 वर्ष से 44 वर्ष के लोगों के लिए। तीसरे स्तर पर निजी
अस्पतालों के माध्यम से भी कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही हैं। कोरोना
वैक्सीन पर लोगों का विश्वास पूरी तरह से जम गया है, जो लोग वैक्सीन
लगवाने से हिचक रहे थे अब वे वैक्सीन लगवाने के जुगाड़ में लगे हैं।
हालांकि सरकारों ने वैक्सीन लगवाने के लिए जनवरी माह से ही काम शुरु कर
दिया था और विभिन्न क्षेत्रों में वैक्सीनेशन शिविरों का आयोजन भी चल रहा
है। वैक्सीन की बढ़ती मांग को देखते हुए वैक्सीन की कमी लोगों को खलने
लगी है। प्रदेश सरकार इसके लिए व्यवस्था भी कर रही है। हालांकि स्वास्थ्य
विभाग ने पहली व दूसरी वैक्सीन डोज के अंतराल का समय भी बढ़ा दिया है।
जहां पहले वैक्सीन शिविरों में लगाई जा रही थी, वहां अब वैक्सीन लेने
वालों को ऑनलाईन स्लॉट लेना पड़ रहा है। जिला प्रशासन प्रतिदिन यह
जानकारी देता है कि किन किन केंद्रों पर वैक्सीन लगाई जाएगी। इसलिए
ऑनलाईन पंजीकरण कराने वाले लोगों को इन स्थानों में से ही किसी एक स्थान
का चयन करना होगा। उनको अनुमति तभी मिलेगी, जब उन स्थानों पर वैक्सीन की
उपलब्धता होगी। जानकारों का कहना है कि कोरोना के संक्रमण से बचाव में
वैक्सीनेशन ही सबसे बड़ा हथियार है। इस बार बड़ी आबादी के लिए वैक्सीनेशन
कराने में थोड़ी समस्या अवश्य आई है, लेकिन यह समस्या अस्थायी है। उनका
कहना है कि कोविशील्ड व कोवैक्सीन का उत्पादन बढऩे के साथ स्पुतनिक
वैक्सीन भी उपलब्ध रहेगी। सावधानियां व नियमों के पालन से ही बचाव
संभव है। यह समस्या थोड़े ही दिनों की है, जल्दी ही फिर से अच्छे दिन आ
जाएंगे।
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