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पुराने सांस रोगियों का उपचार हो सरकारी अस्पतालों में : पंकज वर्मा

गुडग़ांव, कोरोना संक्रमण का सामना करने के लिए प्रदेश का
स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सक्रिय है। कोरोना के बढ़ते मामलों ने आमजन
में बैचेनी अवश्य पैदा कर दी है, लेकिन जिला प्रशासन इस महामारी से
निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार दिखाई दे रहा है। सामाजिक संस्था
फरिश्ते गु्रप के चेयरमैन पंकज वर्मा का कहना है कि कोरोना वायरस के
बढ़ते मामलों के कारण पुराने सांस के रोगियों को परेशानियों का सामना
करना पड़ रहा है। हालांकि उनमें कोरोना के किसी प्रकार के कोई लक्षण
दिखाई नहीं देते हैं, लेकिन ऐसे रोगियों को यह भय सता रहा है कि कहीं
उनका भी कोरोना टेस्ट न कर दिया जाए। उनका कहना है कि ऐसे पुराने रोगियों
को बिना कोरोना टेस्ट के ही सरकारी अस्पताल में भर्ती किया जाए। हालांकि
कोरोना पीडि़तों की बढ़ती संख्या को देखते हुए अस्पतालों में भी बेड
उपलब्ध नहीं हैं। बेड उपलब्ध न होने के कारण ऐसे मरीजों को बड़ी
परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने प्रदेश सरकार व जिला
प्रशासन से आग्रह किया है कि सांस के पुराने रोगियों को बिना कोरोना
टेस्ट के ही अस्पताल में भर्ती कर उनका उपचार किया जाए। उनका यह भी कहना
है कि यदि ऐसे रोगियों का कोरोना टेस्ट कराया जाता है तो उनकी रिपोर्ट
आने में भी कई दिन लग जाएंगे और ऐसे में उन मरीजों की सांसे भी रुक
जाएंगी। उन्होंने आग्रह किया है कि ऐसे मरीजों को सरकारी अस्पतालों से
दिल्ली रैफर करने की व्यवस्था को बंद किया जाए। प्रदेश सरकार के
स्वास्थ्य विभाग ने जिले के सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य संबंधी काफी
सेवाएं उपलब्ध करा दी हैं। यदि फिर भी कहीं कोई कमी है तो स्वास्थ्य
विभाग को उसे जल्दी पूरा करना चाहिए, ताकि स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लोगों
को इनके शहर में ही मिल सके।

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