गुरुग्राम। प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में छात्रों की
होती जा रही कमी व शिक्षा की गुणवता सुधारने के लिए प्रदेश के शिक्षा
निदेशालय ने आदेश जारी किया है कि शिक्षकों को पढ़ाने के अलावा किन्हीं
दूसरे कार्यों में नहीं लगाया जाएगा। जो अध्यापक जिला मौलिक शिक्षा
अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी या अन्य किन्हीं परियोजनाओं में नोडल
अधिकारी के रुप में शामिल किया हुआ है, उन्हें तुरंत प्रभाव से स्कूलों
में कक्षाओं में छात्रों को पढ़ाने के लिए भेजने के आदेश भी दिए हैं।
निदेशालय ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को आदेश दिए हैं कि उनके आदेशों
का सख्ती से पालन किया जाए, ताकि शिक्षक स्कूलों में पढ़ाई का ही कार्य
कर सके। उनसे गैर शैक्षणिक कार्य नहीं लिया जाएगा। निदेशालय का मानना है
कि कोरोना में राजकीय स्कूलों में छात्रों की संख्या में कमी आई है। इसी
को ध्यान में रखते हुए ये आदेश जारी किए गए हैं। शिक्षकों की अन्य
कार्यों में ड्यूटी लगाए जाने के कारण न केवल छात्रों की पढ़ाई का नुकसान
हो रहा था, अपितु शिक्षकों के अध्यापन की कार्यकुशलता भी प्रभावित हो रही
थी।
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