कोरोना संक्रमण की रफ्तार गुडग़ांव जिले में थमने का नाम नहीं ले रही है। कोरोना से जिले में जो मौंत हुई हैं उनसे
स्पष्ट होता है कि कोरोना से गत दिवस तक 121 वृद्धजनों की जहां जान गंवाई है, वहीं कोरोना से 40 युवाओं की भी मौंत हो चुकी है लेकिन इस सब के बावजूद लोग लापरवाही करने से बाज नहीं आ रहे हैं। वे सार्वजनिक क्षेत्रों में जिला प्रशासन द्वारा जारी किए गए दिशा-निर्देशों की बुरी तरह से धज्जियां उड़ा रहे हैं। सामाजिक दूरी का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है। लापरवाह लोगों ने मास्क लगाना भी बंद किया हुआ है। हालांकि ऐसे लापरवाह लोगों के खिलाफ जिला व पुलिस प्रशासन कार्यवाही भी कर रहा है,लेकिन ये कार्यवाही पर्याप्त नहीं है। उधर स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि कोरोना से अब तक जिन लोगों की मौंत हुई है, उनमें से अधिकांश दूसरी गंभीर बीमारियों, किडनी, शुगर, फेफड़ों की बीमारियों से ग्रसित थे। विभाग का यह भी मानना है कि इन लोगों की मौंत का एक मुख्य कारण यह भी रहा है कि 50 वर्ष से अधिक आयु के लोगों की रोग-प्रतिरोधक क्षमता कम रही है। विभाग कामानना है कि कोरोना से बचाव के लिए आमजन को सतर्कता बरनती बहुत जरुरी है। दिशा-निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए, तभी कोरोना से बचाव संभव है।उधर प्रदेश सरकार ने कोरोना जांच शुल्क लागू कर दिया है तो अब कोरोना
जांच कराने वालों की संख्या भी कम होती दिखाई दे रही है। जांच की कीमतेंतय होने के बाद कोरेाना जांच कराने वालों में कमी देखी जा रही है। ताकि लोग इनका लाभ उठा सकें और समय रहते कोरोनासंक्रमितों को उपचार उपलब्ध कराया जा सके। अनलॉक-4 के 23वें दिन शहर के विभिन्न क्षेत्रों में जहां आवागमन सामान्य दिखाई दिया, वहीं अपनी जरुरत का सामान खरीदने के लिए लोग शहर के विभिन्न बाजारों में पहुंचे।दुकानदारों को भी अब लगने लगा है कि अब उनकी दुकानदारी पहले की अपेक्षा और अधिक अच्छी चलेगी।
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