गुडग़ांव, समाचार पत्रों के वितरण पर कोरोना वायरस का
कोई प्रभाव नहीं है। सभी मिलकर इस वायरस से लडऩे का प्रयास कर रहे हैं।
कोरोना वायरस एक ड्राफ्लेट इंफेक्शन है। यह इंफेक्शन कोरोना वायरस से
पीडि़त से ही फैलता है। चिकित्सकों ने भी स्पष्ट कर दिया है कि बिना
भयभीत हुए अखबार पढ़े जा सकते हैं। समाचार पत्रों को प्रकाशित करने वाले
विशेषज्ञों का मानना है कि समाचार पत्र समय-समय पर कोरोना वायरस से
संबंधित जानकारी पाठकों को समाचार पत्र के माध्यम से दे रहे हैं, ताकि
पाठक इस वायरस के प्रति जागरुक हो सकें। पाठकों के स्वास्थ्य व सुरक्षा
के प्रति समाचार पत्र प्रबंधन वचनबद्ध है। विश्व स्वास्थ्य संगठन, केंद्र
व प्रदेश सरकारों की ओर से जारी दिशा-निर्देशों की जानकारी समाचार पत्रों
के माध्यम से भी दी जा रही है। समाचार पत्र का प्रकाशन बेहद सुरक्षित
वातावरण में कराया जा रहा है। हर स्तर पर साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखा
जाता है। कार्यालय और अखबार तक को सैनिटाइज्ड कराया गया है। स्वच्छता के
उच्चतम मानकों का पालन समाचार पत्र के प्रकाशन में किया जा रहा है।
न्यूनतम मानवीय इंटरफेस को तवज्जो दी गई है। इन विशेषज्ञों का यह भी कहना
है कि सरकार ने हालांकि समाचार पत्रों को आवश्यक सेवाओं में शामिल किया
हुआ है। निश्चित होकर बिना घबराए अखबार पढ़े जा सकते हैं। अफवाहों व फेक
न्यूज से सभी पाठकों को बचना चाहिए। सरकार द्वारा जारी किए गए
दिशा-निर्देशों का पालन सभी को करना चाहिए, ताकि कोरोना वायरस के प्रकोप
से बचा जा सके।
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