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समझौता वार्ता में नहीं पहुंची कंपनी प्रबंधन, नौकरी से निकाले गए श्रमिकों में रोष उप श्रमायुक्त ने समझौता वार्ता 14 अगस्त के लिए की निश्चित

गुडग़ांव, सैक्टर 35 स्थित वेलस्पुन बटन प्रबंधन द्वारा
श्रमिकों को नौकरी से निकाल दिए जाने को लेकर उप श्रमायुक्त रमेश आहूजा
ने अपने कार्यालय में सोमवार को समझौता वार्ता निश्चित की हुई थी। इस
समझौता वार्ता में प्रबंधन की ओर से कोई भी अधिकारी शामिल नहीं हुआ। उनकी
ओर से केवल उनके अधिवक्ता ही पेश हुए, जिसके कारण समझौता वार्ता आगे नहीं
बढ़ पाई। उप श्रमायुक्त ने अगली समझौता वार्ता की तारीख 14 अगस्त निश्चित
कर दी है। इस तारीख पर कंपनी प्रबंधन को उपस्थित रहने के आदेश भी दिए गए
हैं, ताकि कोई समाधान निकला जा सके। समझौता वार्ता आगे बढऩे से वहीं
दूसरी ओर श्रमिकों में रोष बढ़ता जा रहा है। उनका कहान है कि सीाी
श्रमिकों ने निर्णय लिया है कि प्रबंधन की तानाशाही और गैर कानूनी छंटनी
के विरोध में आज मंगलवार को मिनी सचिवालय पर धरना प्रदर्शन कर उपायुक्त
को ज्ञापन भी दिया जाएगा। श्रमिक संगठन एटक के जिला महासचिव कामरेड अनिल
पंवार का कहना है कि प्रबंधन समझौता वार्ता में शामिल न होकर इस मामले को
लंबा खींचना चाहती है। प्रबंधन को श्रम कानूनों की किसी प्रकार से कोई
परवाह नहीं है। उन्होंने नौकरी से निकाले गए श्रमिकों से आग्रह किया कि
वे अपनी एकता बनाए रखें एकता के बल पर ही प्रबंधन की तानाशाही का सामना
किया जा सकता है। संगठित रहकर ही आंदोलन किया जा सकेगा। नौकरी से निकाले
गए श्रमिकों को वापिस नौकरी पर भिजवाने के लिए एटक प्रयासरत है। उप
श्रमायुक्त कार्यालय के बाहर पीडि़त श्रमिक समझौता वार्ता का निर्णय
जानने के लिए एकत्रित थे, जिनमें महिला श्रमिकों की संख्या अच्छी-खासी
थी। श्रमिक नेताओं रविंद्र, सुंदर, रामपत, दुलीचंद, बलवीर कंबोज,
शिवकुमार, ओमवती, सुधा, सुमन, राजदेव, पिंटू आदि का कहना है कि अपने
अधिकारों के लिए पीडि़त श्रमिक एकजुट हैं।

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