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संगीत मानसिक व शारीरिक बीमारियों का उपचार करने में है सहायक

गुडग़ांव, कोरोना महामारी से निजात दिलाने के लिए जहां
केंद्र व प्रदेश सरकारें जुटी हुई हैं और उनके प्रयासों से कोरोना दम
तोड़ता दिखाई भी दे रहा है। ऐसे में समाज के अन्य लोग भी कोरोना के प्रति
लोगों को जागरुक करने में अपनी अहम भूमिका लंबे समय से निभाते आ रहे हैं।
इसी क्रम में गुडग़ांव के यंगेस्ट सिंगर सत्यम उपाध्याय का कहना है कि
संगीत के द्वारा कोरोना महामारी से जंग जीती जा सकती है। इसी को लेकर वे
समय-समय पर अपना कार्यक्रम भी ऑनलाईन देते रहे हैं और लोगों को संगीत के
माध्यम से कोरोना से जंग जीतने के लिए प्रेरित भी करते रहे हैं। उनका
कहना है कि संगीत मानसिक व शारीरिक बीमारियों के उपचार में सहायक होता
है। संगीत सुनकर जहां एक अदभुत अनुभूति होती है, वहीं आत्मिक शांति की
प्राप्ति भी होती है। उनका कहना है कि भारत का संगीत विश्व में प्राचीन
काल से ही प्रसिद्ध है। संगीत के क्षेत्र में भारत का मुकाबला शायद ही
कोई देश कर सके। उनका यह भी कहना है कि पाश्चात्य सभ्यता का असर भारतीयों
पर भी पड़ा है। इस सभ्यता से उपजे पाश्चात्य संगीत भी विश्व में खूब धूम
रही है, लेकिन भारतीय संगीत के समक्ष पाश्चात्य संगीत कहीं और  कैसे भी
टिक नहीं पाता। उन्होंने आम लोगों से भी आग्रह किया है कि इस भागदौड़ की
जिंदगी में थोड़ा समय अपने लिए भी निकालें। हालांकि कोरोना ने घरों में
रहने का बहुत समय सभी को दे भी दिया है। समय मिलने पर भारतीय संगीत अवश्य
सुनें, इससे उन्हें मानसिक व आत्मिक शांति की अनुभूति होगी। गौरतलब है कि
सत्यम पिछले कई वर्षों से संगीत के क्षेत्र में अहम मुकाम हासिल कर
गुडग़ांव का नाम रोशन कर चुका है और अभी भी प्रयासरत है।

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