गुरुग्राम। जैकबपुरा की श्री दुर्गा रामलीला कमेटी द्वारा आयोजित रामलीला मंचन के 9वें दिन सीता हरण की लीला का मंचन किया गया। कमेटी के मीडिया प्रभारी राजकुमार सैनी ने बताया कि रामलीला में दर्शाया गया कि सीता जी मृग को देखकर श्रीराम जी से मृग पकडकर लाने को कहती हैं। राम ने सीता को बहुत समझाते हैं, लेकिन नहीं मानती और राम मृग को पकडऩे के लिए वन में चले जाते हैं। कुछ देर बाद वन से आवाज आती है भैया लक्ष्मण बचाओ, भैया लक्ष्मण बचाओ। जिसे सुनकर सीता ने लक्ष्मण से कहा कि यह तो तुम्हारे भैया की आवाज है। निश्चय ही वे किसी संकट में हैं। इस पर लक्ष्मण ने जवाब दिया, ऐसी कोई बात नहीं है। बार-बार कहने के बाद भी जब लक्ष्मण वहां से नहीं गया तो सीता जी ने कहा कि वह समझ गई हैं कि तुम्हारी नीयत में खोट है। यह आरोप लगते ही लक्ष्मण दुखी हो गया और सीता के चारों ओर एक रेखा खींचकर भाई राम की तलाश में चले जाते हैं। जैसे ही लक्ष्मण जाता है, रावण साधु का वेश धारण कर सीता से भिक्षा मांगने आ जाता है। भिक्षा देने के दौरान सीताजी लक्ष्मण रेखा पार कर जाती है जिसके बाद रावण सीता जी का हरण कर लेता है। उनका कहना है कि जब राम-लक्ष्मण वापिस आते हैं तो उन्हें सीता वहां नहीं मिलती। हनुमान जी राम, लक्ष्मण को पर्वत पर मंत्रियों सहित रह रहे वानरराज सुग्रीव के पास ले जाकर पूरे वृतांत पर चर्चा कर खोजने का प्रयास करते हैं। बाली सुग्रीव युद्ध का मंचन भी कलाकारों द्वारा किया गया। उनका कहना है कि लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में रावण के दमदार किरदार में दर्ज बनवारी लाल सैनी बुजुर्ग अवस्था के बाद भी धाकड़ तरीके से रावण का किरदार निभाया।
श्रीदुर्गा रामलीला में सीता हरण की लीला रही रोमांचक
