गुडग़ांव, चैत्र नवरात्र के समापन पर राम नवमी का पर्व
भी श्रद्धालुओं ने अपने घरों में धूमधाम से मनाया। हिंदू धर्म शास्त्रों
के अनुसार राम नवमी के दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था। रात्रि में
श्रद्धालुओं ने अपने घरों में दीपक जलाकर राम नवमी का पर्व मनाया। कोरोना
वायरस के चलते मंदिरों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद हैं। इसलिए
श्रद्धालुओं ने अपने घरों में ही राम नवमी का पर्व मनाया। यह पर्व भगवान
विष्णु के 7वें अवतार भगवान श्रीराम के जन्मदिन के रुप में मनाया जाता
है। रामायण में उल्लेख है कि अयोध्या के राजा दशरथ की 3 पत्नियां थी,
लेकिन काफी समय तक राजा दशरथ के कोई संतान नहीं हो पाई थी। पुत्र
प्राप्ति के लिए राजा दशरथ को वशिष्ठ ऋषि ने कमेष्टी यज्ञ कराने का आदेश
दिया था। कहा जाता है कि यज्ञ समाप्ति के बाद दशरथ की तीनों रानियों को
एक-एक कटोरी खीर खाने को दी गई थी। कुछ माह बाद ही तीनों रानियां गर्भवती
हो गई थी। रानी कौशल्या ने राम, कैकई ने भरत और सुमित्रा ने जुड़वां
बच्चों लक्ष्मण व शत्रुघ्र को जन्म दिया था। कहा जाता है कि भगवान
श्रीराम का जन्म धरती पर दुष्ट प्राणियों को खत्म करने के लिए हुआ था।
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