गुडग़ांव, कारोबारी विनोद शर्मा आत्महत्या प्रकरण में
आरोपी देवेंद्र लाकड़ा की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए अतिरिक्त जिला
एवं सत्र न्यायाधीश सुधीर परमार की अदालत ने आरोपी की याचिका खारिज कर दी
है। पीडि़त पक्ष की अधिवक्ता डा. अंजूरावत नेगी से प्राप्त जानकारी के
अनुसार वर्ष 2018 की 4 जुलाई को कारोबारी विनोद शर्मा ने सुशांत लोक
क्षेत्र स्थित अपने कार्यालय में गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। 7 जुलाई
को निजी अस्पताल में उपचार के दौरान उनकी मृत्यु हो गई थी। विनोद शर्मा
ने सुसाइड नोट लिख छोड़ा था, जिसमें देवेंद्र लाकड़ा व उसके परिवार को
जिम्मेदार ठहराया गया था। पुलिस ने मामला तो दर्ज कर लिया था, लेकिन एक
वर्ष तक भी किसी भी आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई थी। मृतक की पत्नी
मीनू शर्मा ने तत्कालीन डीसीपी क्राइम पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने ही
उसके पति को परेशान कर आत्महत्या के लिए मजबूर किया है। मीनू शर्मा ने इस
मामले की सीबीआई से जांच कराने के लिए पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय
में याचिका दायर की हुई है, जो अभी तक विचाराधीन है। देवेंद्र लाकड़ा की
अग्रिम जमानत याचिका उच्चतम न्यायालय तक भी खारिज हो चुकी, उसके बाद गत
वर्ष 7 दिसम्बर को पुलिस ने देवेंद्र लाकड़ा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया
था। तभी से वह जिला जेल में बंद है। देवेंद्र लाकड़ा ने जेल में रहते हुए
ही सत्र न्यायालय में जमानत याचिका दायर कराई थी, जिसे अदालत ने खारिज कर
दिया है।
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