गुरुग्राम, किसानों का आंदोलन पिछले 3 माह से चला आ रहा
है, लेकिन वार्ताओं का दौर थमा हुआ है। जिससे सरकार व किसानों में वार्ता
नहीं हो पा रही है। सरकार व किसानों के बीच मध्यस्थता का मार्ग निकाला
जाना चाहिए, ताकि देश के किसानों का आंदोलन समाप्त हो सके और किसान अपने
घरों को सम्मानपूर्वक जा सकें। योग गुरु बाबा रामदेव ने भी इसी प्रकार के
विचार व्यक्त किए हैं। उन्हें किसानों के साथ खुलकर आना चाहिए। यह कहना
है सामाजिक संस्था भगवान श्री परशुराम सेवादल के अध्यक्ष पंडित अरुण
शर्मा अधिवक्ता का। उनका कहना है कि योग गुरु बाबा रामदेव ने पिछले दिनों
विचार व्यक्त किए थे कि किसानों व सरकार के बीच मध्यस्थता की जानी चाहिए,
ताकि समस्या का समाधान हो सके। योग गुरु किसानों के सच्चे हितैषी हैं तो
उन्हें मध्यस्थता का मार्ग निकालना चाहिए। उनके इस बयान से एक आशा की
किरण जागी है। क्योंकि बाबा रामदेव भी प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रुप से
कहीं न कहीं कृषि कारोबार से जुड़े हुए हैं। देश की जनता पतंजलि के
स्वदेशी उत्पादों का इस्तेमाल भी बड़े स्तर पर कर रही है। भाजपा की सरकार
बनवाने में भी बाबा रामदेव का बड़ा योगदान रहा है। देश की करीब 80
प्रतिशत आबादी कृषि पर ही आधारित है। पंडित अरुण शर्मा का कहना है कि
बाबा रामदेव को देश व किसान हित में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात कर
मध्यस्थता का मार्ग निकालना चाहिए। बड़ी संख्या में किसान अपनी जान भी इस
आंदोलन में गंवा चुके हैं। किसान आंदोलन से अन्य कारोबार भी प्रभावित हुए
हैं। सभी वर्ग इस आंदोलन के खत्म होने का बड़ी बेसब्री से इंतजार भी कर
रहे हैं।
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