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मारुति सुजूकी मजदूर संघ ने मुख्यमंत्री से किया आग्रह लॉकडाउन अवधि का मालिकों ने वेतन रोका तो नहीं होगा प्रदेश हित में उद्योगों के मालिक निभाएं परिवार के मुखिया की भूमिका : कुलदीप जांघू

गुडग़ांव, श्रमिकों के लॉकडाउन अवधि के वेतन का मामला
लटकता ही जा रहा है। उद्यमियों का प्रतिनिधित्व करने वाली विभिन्न
एसोसिएशनें अपनी असमर्थता जता रही हैं कि उनकी भी आर्थिक स्थिति अच्छी
नहीं है। ऐसे में वे कैसे श्रमिकों को वेतन का भुगतान कर पाएंगी। इसी
संबंध में गत दिवस एसोसिएशनों का प्रतिनिधिमंडल उपायुक्त से भी मिला था।
इसी को लेकर मारुति सुजूकी मजदूर संघ के अध्यक्ष कुलदीप जांघू ने प्रदेश
के मुख्यमंत्री मनोहरलाल को उपायुक्त के माध्यम से एक ज्ञापन ईमेल से
भेजा है और उनसे आग्रह किया है कि वह अपनी पूर्व घोषणा को लागू कराते हुए
श्रमिकों को न्याय दें। यदि प्रदेश में लॉकडाउन की अवधि का श्रमिकों का
वेतन रोका गया तो बड़ा आंदोलन शुरु हो जाएगा। जो प्रदेश हित में ही नहीं
है। उन्होंने प्रतिष्ठानों के संचालकों से भी आग्रह किया है कि वे इस
मामले में परिवार के मुखिया की भूमिका निभाएं। श्रमिकों ने खून-पसीने की
मेहनत से प्रतिष्ठानों को खड़ा किया है। एक कारखाने से कई-कई कारखाने
प्रतिष्ठानों के मालिकों के हो गए हैं। पूरे विश्व में कोरोना की भयंकर
बीमारी का प्रकोप है। लॉकडाउन लगा हुआ है। ऐसी विषम परिस्थितियों में घर
का मुखिया पूरे परिवार का पालन-पोषण करने में कोई कसर नहीं छोड़ता।
परिवार को एक सूत्र में पिरोए रखने का काम परिवार का मुखिया ही करता है।
प्रतिष्ठानों के मालिकों व श्रमिकों का भी ऐसा ही पारिवारिक रिश्ता है।
मालिकों का दायित्व बन जाता है कि वे अपने परिवार के श्रमिकों व उनके
परिजनों का विशेष ध्यान रखें।  किसी भी श्रमिक का वेतन न रोका जाए, ताकि
श्रमिकों के परिवारों को किसी प्रकार की परेशानियों का सामना न करना
पड़े।

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