गुडग़ांव, 6 मई (निस): कोई भी राजनैतिक दल श्रमिकों से जुड़ी समस्याओं को
गंभीरता से नहीं ले रहा है। इन दलों ने श्रमिकों के लिए अपने घोषणा पत्र
में कुछ विशेष नहीं रखा है, जिससे श्रमिक संगठनों में रोष व्याप्त होता
जा रहा है। सरकार ने पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए श्रम कानूनों
में संशोधन कर श्रमिकों की कमर तोडऩे का कार्य किया है, जो राजनैतिक दल
श्रमिकों की समस्याओं को गंभीरता से उठाने और उनका समाधान कराने का लिखित
आश्वासन देगा, श्रमिक संगठन उसी को सहयोग करेंगे। उक्त बात सोमवार को
सिविल लाइन क्षेत्र स्थित शमां पर्यटन केंद्र में मारुति सुजूकी मजदूर
संघ द्वारा आयोजित प्रैसवार्ता को संबोधित करते हुए संघ के संयोजक कुलदीप
जांघू ने कही। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा श्रमिकों के जो न्यूनतम
वेतनमान घोषित किए हुए हैं, वे बहुत ही कम हैं। श्रमिकों का गुजारा भी
मुश्किल से हो रहा है। जनप्रतिनिधि शिकायत करने के बावजूद भी कोई
कार्यवाही नहीं करते। कंपनी प्रबंधन मजदूरों की लंबित पड़ी मांगों का
समाधान नहीं करना चाहती। श्रम विभाग भी उनके सामने विवश है। उन्होंने कहा
कि सरकार पूंजीपतियों को खुश करने के लिए फिक्स टर्म एंप्लायमेंट के
सिद्धांत को लागू कर रही है, ठेका प्रथा को बढ़ावा दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में किसी भी राजनैतिक दल ने मजदूर संघ से
किसी प्रकार का कोई संपर्क नहीं किया है। यदि कोई राजनैतिक दल संपर्क
करता है तो उसे लिखित में आश्वासन देना होगा कि श्रमिकों की लंबित पड़ी
समस्याओं व श्रम कानूनों में किए गए संशोधनों को रद्द कराना होगा, तभी
मजदूर संघ उन्हें सहयोग करने पर विचार करेगा, अन्यथा मजदूर संघ को बैठक
कर कोई गंभीर निर्णय लोकसभा चुनाव के लिए लेना होगा। बैठक को संघ से
जुड़े सुरेंद्र जांगड़ा, संदीप यादव, भानू प्रताप, वीरेंद्र आदि ने भी
संबोधित किया। बड़ी संख्या में मजदूर संघ से जुड़े सदस्य मौजूद रहे।
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