NCRअध्यात्मअर्थव्यवस्थादेशराज्य

मनोरोग स्वास्थ्य चिकित्सा शिविर का हुआ आयोजन स्क्रीनिंग डिपेंडेंसी डिस्ऑर्डर हैं मानसिक रोग के मुख्य कारण : डा.स्वामी दिव्यानंद महाराज

गुरुग्राम, स्वास्थ्य सेवाओं में प्रयासरत मंथन आई
हैल्थकेयर फाउण्डेशन व श्रीसेवा समिति महावीर दल द्वारा मनोरोग स्वास्थ्य
चिकित्सा जागरुकता शिविर का आयोजन संस्था के संस्थापक डा. स्वामी
दिव्यानंद महाराज के सानिध्य में किया गया। महाराज जी ने कहा कि मनोरोग
के रोगियों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। परिजन भी मनो
रोगियों के तनाव को कम नहीं कर पा रहे हैं। स्क्रीनिंग डिपेंडेंसी
डिस्ऑर्डर ही मानसिक रोग के मुख्य कारण हैं, जिससे व्यक्ति तनाव की
स्थिति में आ जाता है। दैनिक दिनचर्या व खान-पान भी इस रोग का एक कारण
है। खान-पान को संतुलित रखना होगा। जंक-फूड से बचना होगा। उन्होंने
उदाहरण देते हुए कहा कि जिस प्रकार मकड़ी स्वयं के बने हुए जाल में खुद
फंस जाती है और उसे निकलने का कोई मार्ग नहीं सूझता, उसी प्रकार बेवजह
तनाव लेने वाला व्यक्ति भी अपनी ही व्यर्थ की सोच में फंस गया है, जिससे
वह चाहकर भी बाहर नहीं निकल पा रहा है। महाराज जी का कहना है कि जब हमारे
ख्यालात ही अच्छे नहीं होंगे तो हालात भी कैसे अच्छे हो सकते हैं। शिविर
में आए लोगों को जागरुक करते हुए वैद्य अनिरुद्ध सेहरा ने कहा कि बच्चों
व बड़ों के खान-पान पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। बेवजह मोबाइल पर
चिपके रहना भी अवसाद को बढ़ाता है। इससे बच्चे जहां चिड़चिड़े हो जाते
हैं, वहीं उन्हें हर बात पर गुस्सा भी आने लगता है। मोबाइल का ज्यादा
इस्तेमाल करने से जहां नींद न आने की समस्या आती है, वहीं दिमाग में भी
तनाव बना रहता है। व्यक्ति अकेलापन महसूस करने लगता है और हीनभावना से
ग्रसित हो जाता है। उनका कहना है कि मनुष्य के पास वर्तमान में अपार
संपत्ति होते हुए भी वह फिर भी परेशान है। कोरोना काल में ते यह समस्या
और भी अधिक बढ़ी है। उन्होंने इस रोग से निजात पाने के लिए लोगों से कहा
कि आहार और विहार हितकर होना चाहिए। स्वयं को रचनात्मक या शील बनाए रखें।
शरीर से ही नहीं, अपितु मन-बुद्धि से भी परिपक्व रहें। अनियमित दिनचर्या
को नियमित बनाएं तभी मनोरोग से छुटकारा मिल सकता है। बड़ी संख्या में
लोगों ने सामाजिक दूरी का पालन करते हुए शिविर का लाभ उठाया। कार्यक्रम
में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट सेवा करने वाले समाजसेवियों को
पुरुस्कृत भी किया गया। शिविर को सफल बनाने में सुरेंद्र मदान, तरुण
गंगवानी, लक्ष्य कपूर, अशोक बतरा, रामकुमार पोपली, नानक चंद गांधी, श्याम
छाबड़ा आदि का सहयोग रहा।

Comment here