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बैंकों के निजीकरण के विरोध में बैंककर्मियों ने की हड़ताल

गुरुग्राम, केंद्र सरकार की बैंकों के निजीकरण की नीति
के खिलाफ सोमवार को बैंकों के कर्मचारी संगठनों ने 2 दिवसीय हड़ताल शुरु
कर दी, जिससे बैंक का कारोबार पूरी तरह से ठप्प हो गया। यूनाईटेड फोरम ऑफ
बैंक यूनियन के आह्वान पर की गई यह हड़ताल आज मंगलवार को भी जारी रहेगी।
शहर के विभिन्न क्षेत्रों स्थित बैंकों में ताले लटके पड़े रहे। किसी
प्रकार का कोई लेन-देन बैंकों में नहीं हुआ। बैंककर्मी बैंकों के सामने
धरने पर बैठे केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते दिखाई दिए। अखिल
भारतीय राष्ट्रीयकृत बैंक अधिकारी महासंघ ने ओल्ड रेलवे रोड स्थित कैनरा
बैंक के सामने धरना दिया, जिसमें बड़ी संख्या में बैंक के कर्मचारी व
अधिकारी शामिल हुए। महासंघ के उप महासचिव आरके गंभीर, क्षेत्रीय सचिव
दीपक गौतम ने बताया कि महासंघ का गठन वर्ष 2009 में भी राष्ट्रीयकृत
बैंकों के अधिकारियों व कर्मचारियों के कल्याण कार्यों को क्रियान्वित
कराने के लिए किया गया था। केंद्र सरकार ने जब से बैंकों का निजीकरण करना
शुरु किया हुआ है, तभी से संगठन इसका विरोध करता आ रहा है। इसी क्रम में
यह 2 दिवसीय हड़ताल भी की हुई है। उन्होंने कहा कि सरकार आए दिन बैंकों
का निजीकरण करती जा रही है, जिससे बैंकों में कार्यरत अधिकारियों व
कर्मचारियों में रोष व्याप्त होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि बैंकों के
निजीकरण का दुष्प्रभाव बैंककर्मियों पर तो पड़ेगा ही, लेकिन आमजन भी
निजीकरण से प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकेगा। उन्होंने कहा कि यह हड़ताल
आज मंगलवार को भी जारी रहेगी। बैंककर्मी निजीकरण के विरोध में जबरदस्त
नारेबाजी कर रहे थे। बैंकों की शाखाओं में लेन-देन प्रभावित रहा। एटीएम
पर लोगों की भीड़ भी दिखाई दी। निजी बैंक इस हड़ताल में शामिल नहीं हुए।
जिले में करीब 798 विभिन्न बैंकों की शाखाएं हैं।

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