गुडग़ांव, कोरोना वायरस से बचाव के प्रयास के लिए जिला
प्रशासन पूरी तरह सतर्क है। घरों में रहकर ही लॉकडाउन का पालन कराया जा
रहा है। जरुरतमंदों व कमजोर वर्ग के लोगों के भोजन आदि की व्यवस्था भी
जिला प्रशासन द्वारा नियमित रुप से कराई जा रही है, लेकिन बेजुबान
जानवरों को कोरोना वायरस के दौरान बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा
है। गुडग़ांव क्षेत्र में बड़ी संख्या में बंदर हैं, लेकिन उनके सामने भी
भोजन की समस्या उत्पन्न हो गई है। लोग अपने घरों में बंद हैं, इसलिए
बंदरों को कुछ खाने-पीने को नहीं मिल रहा है। बंदरों को भोजन आदि उपलब्ध
कराने का बीड़ा समाजसेवियों ने उठाया है। समाजसेवी जगदीश कुकरेजा का कहना
है कि समाजसेवी व संस्था से जुड़े लोग गाड़ी में केले व रोटियां भरकर
बंदर बाहुल्य क्षेत्रों में जाते हैं और इन भूखे बंदरों की भूख मिटाने
में लगे हैं। ऐसा लगता है कि ये बंदर काफी समय से भूखे हैं। उनका कहना है
कि अन्य सामाजिक संस्थाओं को भी इस ओर ध्यान देना चाहिए और इन बेजुबान
जानवरों की भूख का भी ध्यान रखना चाहिए।
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