गुडग़ांव, देश में दिन-प्रतिदिन महंगाई बढ़ती जा रही है,
जिसका सीधा असर आम आदमी पर पड़ रहा है। पेट्रोल डीजल के दाम तो आसमान छू
ही रहे हैं, इसी प्रकार खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों ने भी गृहणियों
की रसोई का बजट बढ़ाकर रख दिया है। बढ़ी हुई कीमतों के अभ्यस्त अब
देशवासी हो चुके हैं। आम लोगों को यह लगने लगा है कि बढ़ी हुई कीमतों में
ही उन्हें अपने परिवार का पालन-पोषण करना होगा। सरकार को समय रहते बढ़ती
हुई कीमतों पर अंकुश लगाना चाहिए, अन्यथा देश के हालात और भी अधिक खराब
हो जाएंगे। यह कहना है भ्रष्टाचार उन्मूलन में जुटी क्राईम रिफार्मर
एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप कटारिया का। उनका कहना है कि पिछले
17 दिनों से पेट्रोल डीजल के दामों में कोई वृद्धि नहीं हुई है। क्योंकि
अब लोग बढ़ी कीमतें देने के अभ्यस्त हो चुके हैं। आम आदमी टैक्स पर टैक्स
भरे जा रहा है। उसकी जेब खाली होती जा रही है। सरकार को इस ओर भी ध्यान
देना चाहिए। सरकार समय-समय पर महोत्सव का आयोजन करती रही है, जोकि आम
आदमी के कटे पर नमक छिडक़ने के समान है। महोत्सव भी तभी अच्छे लगते हैं,
जब आम आदमी की जेब में पैसा हो और उसको वह अपनी इच्छा से खर्च भी कर सके।
लेकिन ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है। महंगाई चरमसीमा पर है। पहले ही आम
आदमी कोरोना के कारण परेशान है और अब बढ़ती महंगाई ने भी उसे और अधिक
परेशान कर रख दिया है। सरकार को समय रहते इस बढ़ती महंगाई को नियंत्रित
करना चाहिए। जरुरतमंद गरीब परिवारों को आर्थिक मदद भी बिना किसी तामझाम
के उपलब्ध करानी चाहिए।
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