गुडग़ांव, सामाजिक संस्था भगवान श्री परशुराम सेवादल के
अध्यक्ष पंडित अरुण शर्मा एडवोकेट का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान जो
जरुरतमंद व मजदूर वर्ग घरों में हैं, उन्हें जिला प्रशासन व सामाजिक
संस्थाएं भोजन व खाद्य सामग्री उपलब्ध कराते आ रहे हैं, जो कि एक सराहनीय
कदम है। उन्होंने जिला प्रशासन से आग्रह किया है कि जो भोजन जरुरतमंदों
को उपलब्ध कराया जा रहा है। समय-समय पर उसकी गुणवत्ता की जांच अवश्य होनी
चाहिए। क्योंकि कुछ क्षेत्रों से भोजन की गुणवत्ता को लेकर शिकायतें आ
रही थी। उनका यह भी मानना है कि शैल्टर होम आदि में रह रहे जरुरतमंदों को
प्रशासनिक अधिकारी व जनप्रतिनिधि की उपस्थिति में अक्सर भोजन उपलब्ध
कराया जाता है, लेकिन ये जरुरतमंदों के साथ भोजन करते कभी दिखाई नहीं
देते। उन्होंने जनप्रतिनिधियों से भी आग्रह किया है कि यदि वे उनके साथ
भोजन कर लें तो इस संकट की घड़ी में जरुरतमंदों के उत्साह में वृद्धि भी
होगी और वे इस संकट के समय को आसानी से काट भी सकेंगे। उन्होंने यह आग्रह
भी किया है कि जरुरतमंदों को खाना ही नहीं, अपितु स्वच्छ जल, दवाई, तेल,
साबुन, मास्क व अन्य दैनिक जीवन में इस्तेमाल की जाने वाली वस्तुएं भी
उपलब्ध कराई जानी चाहिए। उन्होंने प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन से आग्रह
किया है कि वितरण किए जाने वाले भोजन व खाद्य सामग्री की गुणवत्ता की
जांच स्वास्थ्य विभाग से समय-समय पर
Comment here