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नए गुडग़ांव की तर्ज पर पुराने गुडग़ांव में भी ई- रिक्शा चलाने की मांग

गुडग़ांव, प्रदेश सरकार ने साईबर सिटी में बढ़ते प्रदूषण
से निजात दिलाने के लिए डीजल के ऑटो को नए गुडग़ांव में संचालन पर रोक लगा
दी है। इनके स्थान पर ई- रिक्शा उपलब्ध कराने की कवायद भी शुरु कर दी गई
है। हालांकि ऑटो चालकों ने विरोध करना शुरु कर दिया है। सार्वजनिक परिवहन
में आटो का विशेष महत्व है। पुराने गुडग़ांव में भी शहरवासियों ने ई-
रिक्शा विभिन्न क्षेत्रों में चलाने की मांग शुरु कर दी है। पुराने
गुडग़ांववासी भी शहर की सडक़ों पर ई- रिक्शा की प्रतीक्षा करने लगे हैं।
यानि कि उनको उम्मीद है कि पुराने गुडग़ांव में भी ई- रिक्शा के शुरु हो
जाने से जहां बढ़ते प्रदूषण से मुक्ति मिलेगी, वहीं उनका सफर भी आरामदायक
हो सकेगा। जिला प्रशासन ने निजी प्रतिष्ठान स्मार्ट ई के सहयोग से
गुडग़ांव में विशेष ई-थ्रीव्हीलर जोन शुरु किया है। प्रशासन का मानना है
कि डीजल ऑटो से काफी प्रदूषण फैल रहा है और वाहनों के निकलने वाले धूएं
के कारण प्रदूषण का स्तर भी कई गुणा बढ़ता जा रहा है। पुराने गुडग़ांव में
बसई, डूण्डाहेड़ा, पटौदी रोड, हीरो होण्डा चौक, बजघेड़ा, रेलवे स्टेशन,
मानेसर, धनकोट आदि क्षेत्र के लोग ऑटो के सफर ही निर्भर रहते हैं।
हालांकि डीजल व सीएनजी ऑटो चालक ई- रिक्शा चलाने का जहां विरोध कर रहे
हैं, वहीं उनका कहना है कि उनके वाहनों को एकदम से बंद न कराया जाए।
क्योंकि उन्हें भूखे मरने की नौबत आ जाएगी।

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