गुडग़ांव, आज भले ही धार्मिक स्थलों के द्वार बंद हैं,
लेकिन धर्म-कर्म के लिए तो सभी द्वार खुले ही हैं। धर्म-कर्म करने की
व्यवस्था पर किसी प्रकार का कोई प्रतिबंध नहीं है। लॉकडाउन में घर में
रहकर यदि हम अपनी जिव्हा पर नियंत्रण कर लें और जरुरतमंदों को पहले
खिलाकर बाद में स्वयं भोजन करें तो यह हमारी महानतम पूजा और योग साधना ही
होगी। यह कहना है सामाजिक संस्था मंथन आई हैल्थकेयर फाउण्डेशन के संरक्षक
गीताज्ञानेश्वर डा. स्वामी दिव्यानंद महाराज ने जरुरतमंद लोगों को खाद्य
सामग्री वितरित करते हुए कही। महाराज जी का कहना है कि सदैव मजदूर, हितकर
व प्रेम के वचनों का प्रयोग करें तो पूजा-पाठ भी लाभप्रद होगा। लॉकडाउन
हमारे भीतर डिप्रेशन नहीं आने देगा। उनका कहना है कि कोरोना से बचाव का
लॉकडाउन ही एक सबसे बड़ा उपाय है। सभी को संयम से काम लेते हुए लॉकडाउन
का पूरा पालन करना चाहिए। महाराज जी ने जरुरतमंदों को खाद्य सामग्री भी
वितरित कराई। उनका कहना है कि संस्था का यह पुण्य का कार्य निरंतर जारी
रहेगा।
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