गुरुग्राम, श्रमिक यूनियनों का प्रतिनिधित्व करने वाली
ट्रेड यूनियन काउंसिल ने शुक्रवार को महामहिम राष्ट्रपति के नाम उपायुक्त
को ज्ञापन सौंपा, जिसमें मांग की गई कि अलोकतांत्रिक तरीके से कृषि व
श्रम कानूनों में जो बदलाव किए जा रहे हैं, वे किसानों व श्रमिकों के हित
में नहीं है। इनको लेकर किसान व श्रमिक संगठन आंदोलन शुरु किए हुए हैं,
लेकिन सरकार अपनी हठधर्मिता पर अड़ी हुई है और किसानों के आंदोलन को
बदनाम करने का षडय़ंत्र भी रचा जा रहा है। काउंसिल के सक्रिय सदस्य अनिल
पंवार, ऊषा सरोहा, एसएन दहिया, नरेश कुमार, श्रवण आदि का कहना है कि
ज्ञापन में मांग की गई है कि तीनों कृषि कानूनों को तत्काल प्रभाव से
रद्द किया जाए, फसलों की खरीद का न्यूनतम समर्थन मूल्य गारंटी कानून
बनाया जाए व इसे लागू भी किया जाए, सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत
किया जाए, आंदोलन के दौरान किसानों व किसान नेताओं के खिलाफ बनाए गए
मामलों को वापिस लिया जाए, उदारीकरण, वैश्वीकरण व निजीकरण की नीतियों को
रद्द किया जाए, किसान आंदोलन के दौरान शहीद हुए किसानों के परिवारों को
उचित मुआवजा दिया जाए।
ट्रेड यूनियन काउंसिल ने राष्ट्रपति के नाम उपायुक्त को सौंपा ज्ञापन


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