गुडग़ांव, कोरोना वायरस के प्रकोप से जिलेवासियों को बचाने
के लिए जिला प्रशासन ने लॉकडाउन की घोषणा की हुई है। चौथे चरण के लॉकडाउन
के दूसरे दिन शहर की मुख्य सडक़ों पर यातायात बड़ी संख्या में दिखाई दिया।
शहर के व्यस्त चौराहों पर पहले की भांति वाहनों का लंबा जाम भी दिखाई
देना शुरु हो गया है। क्योंकि जिला प्रशासन ने लॉकडाउन में राहत की सीमा
बढ़ाई है। इसी के फलस्वरुप शहर के विभिन्न क्षेत्रों में वाहन चालक बड़ी
संख्या में सडक़ों पर दिखाई दे रहे हैं। गुडग़ांव व दिल्ली सीमाओं पर अभी
भी सख्ती बरती जा रही है। बिना वैध पास के दिल्ली के लोगों को गुडग़ांव
में प्रवेश नहीं दिया जा रहा है। कमर्शियल वाहनों की भी दिल्ली-गुडग़ांव
सीमाओं पर जांच कर हरियाणा में आने दिया जा रहा है। गुडग़ांव के उद्योग
विहार क्षेत्र स्थित प्रतिष्ठानों में श्रमिक नहीं पहुंच पा रहे हैं,
जिससे इन प्रतिष्ठानों में काम शुरु नहीं हो पा रहा है। क्योंकि उद्योग
विहार क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिक दिल्ली क्षेत्र से ही अधिक
संख्या में आते हैं और दिल्ली सीमाओं को सील किया हुआ है। कोरोना पॉजिटिव
की बढ़ती संख्या से जिला प्रशासन व जिलेवासी भी बड़े चिंतित नजर आ रहे
हैं। हालांकि कोरोना से उपचार कराकर स्वस्थ होने वाले पीडि़तों की संख्या
में भी दिन-प्रतिदिन वृद्धि देखने को मिल रही है। उधर ऑटोमोबाइल क्षेत्र
की अग्रणी मारुति सुजूकी के गुडग़ांव स्थित मारुति प्लांट में दूसरे दिन
भी वाहनों के उत्पादन का सिलसिला जारी रहा। मारुति कामगार यूनियन के
महासचिव कुलदीप जांघू का कहना है कि कामगारों की सुरक्षा को प्रबंधन
सर्वोच्च महत्व दे रही है। प्रतिष्ठान में प्रवेश करने से पूर्व जहां
कामगारों को सैनिटाइज किया जा रहा है, वहीं उनके कार्यस्थल को भी
सैनिटाइज कर कोरोना से बचाव के सभी उपाय किए गए हैं। वाहनों के उत्पादन
में भी सामाजिक दूरी का पूरा पालन कराया जा रहा है। इसी प्रकार कैंटीन व
रेस्ट एरिया में भी सामाजिक दूरी का पालन कामगार कर रहे हैं। प्रबंधन
पूरी तरह से नजर रखे हुए है। मारुति सुजूकी के चेयरमैन आरसी भार्गव भी
स्पष्ट कर चुके हैं कि कामगारों का स्वास्थ्य प्रबंधन की प्राथमिकता है।
कामगारों के स्वास्थ्य से किसी प्रकार का कोई समझौता नहीं किया जा सकता।
उनका यह भी मानना है कि वाहनों के उत्पादन में धीरे-धीरे वृद्धि होगी और
शीघ्र ही कोरोना पर विजय पाते हुए गुडग़ांव व मानेसर प्लांट में पूरा
उत्पादन होना शुरु हो जाएगा। इसके लिए प्रबंधन जिला प्रशासन से संपर्क
बनाए हुए है। प्रशान के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए कामगारों की
संख्या में भी दिन-प्रतिदिन वृद्धि की जा रही है। मारुति के ज्वाईंट
वेंचरों में भी उत्पादन शुरु हो चुका है, लेकिन कुछ ज्वाईंट वेंचरों को
श्रमिकों की कमी भी सता रही है। क्योंकि अधिकांश श्रमिक प्रवासी थे और वे
अपने घरों को चले गए हैं। फिर भी प्रबंधन उत्पादन को पटरी पर लाने के लिए
प्रयासरत है।
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