गुडग़ांव, कोरोना वायरस के प्रकोप से आमजनों को बचाने के
लिए लॉकडाउन चल रहा है। चौथे चरण के लॉकडाउन के छठे दिन शहर की मुख्य
सडक़ों पर यातायात सामान्य रहा। शनिवार होने के कारण भी सभी सरकारी
कार्यालयों में अवकाश था। इसलिए भी लोग सडक़ों पर कम ही दिखाई दिए। दूसरे
प्रचंड गर्मी भी चल रही है। इसलिए लोग घरों से कम ही निकले। जिले में
कोरोना पॉजिटिव की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, जिससे आमजन भी
चिंतित होता दिखाई दे रहा है। जिले में ठीक हुए मरीजों की संख्या में भी
संतोषजनक वृद्धि हो रही है, जोकि एक शुभ संकेत है। उधर जिला प्रशासन
द्वारा प्रवासी नागरिकों को उनके गृह जिले में भिजवाने का सिलसिला जारी
है। शनिवार को भी गुडग़ांव से उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद, बरेली, अलीगढ़,
इटावा के लिए करीब 950 प्रवासी श्रमिकों को भोजन आदि उपलब्ध कराकर रवाना
किया गया। जिला प्रशासन प्रतिदिन प्रवासी श्रमिकों को उनके गृह जिले में
भेजने के प्रयासों में जुटा है। जिला प्रशासन ने शहर के मुख्य सदर बाजार
को भी श्रेणीवार खोला हुआ है, जिसमें बड़ी संख्या में पहुंच भी रहे हैं।
सामाजिक दूरी का कोई विशेष ध्यान नहीं रखा जा रहा है, जोकि घातक भी साबित
हो सकता है। हालांकि जिला प्रशासन लोगों को आगाह करता रहा है कि वे
कोरोना के प्रकोप से बचने के लिए सामाजिक दूरी का पालन करें। उधर प्रदेश
सरकार ने सभी जिलों में रविवार को भी बाजार खुले रखने के आदेश जारी किए
हैं। साथ ही हेयर कटिंग, सैलून, पार्लर व मैरिज हॉल को भी कुछ शर्तों के
साथ खोलने की छूट दे दी है और ये आदेश भी दिए हैं कि सरकार द्वारा जारी
किए गए निर्देशों का पूरा पालन करेंगे। दिल्ली-गुडग़ांव सीमाएं अभी भी सील
हैं। गुडग़ांव में अधिकांश श्रमिक व कर्मी दिल्ली सीमा से लगते क्षेत्रों
से ही आते हैं, लेकिन उन्हें वैध पास के बिना गुडग़ांव में प्रवेश नहीं
करने दिया जा रहा है, जिससे उद्योग विहार स्थित प्रतिष्ठानों में
श्रमिकों की कमी के चलते उत्पादन गति नहीं पकड़ पा रहा है। उद्यमियों ने
भी जिला प्रशासन से कई बार आग्रह किया है कि दिल्ली सीमा से श्रमिकों को
गुडग़ांव आने दिया जाए, लेकिन प्रशासन उनके आग्रह को स्वीकार नहीं कर पा
रहा है। उधर उद्यमियों ने दिल्ली क्षेत्र में रहने वाले श्रमिकों से
गुडग़ांव में ही रहने का आग्रह भी किया है। इसके लिए उद्यमी उन्हें सहयोग
भी करेंगे। उद्यमियों का कहना है कि तभी उनका उत्पादन गति पकड़ सकेगा।
उधर प्रवासी श्रमिकों के पलायन को रोकने के लिए उद्यमियों का
प्रतिनिधित्व करने वाली संस्थाएं जागरुक अभियान भी चलाए हुए हैं।
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