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चौथे चरण के लॉकडाउन का 11वां दिन सदर बाजार के कुछ दुकानदार नहीं कर रहे हैं प्रशासन के आदेशों का पालन निश्चित दिन के बिना भी खोलकर बैठ जाते हैं दुकान, सामाजिक दूरी का नहीं हो पा रहा है पालन उद्योग विहार क्षेत्र में दिल्ली से आने वाले श्रमिकों को नहीं मिल रही है अनुमति श्रमिक व कंपनी प्रबंधन हैं परेशान, कैसे उत्पादन ?

गुडग़ांव, वैश्विक कोरोना वायरस के प्रकोप से बचने के लिए
लॉकडाउन चल रहा है। चौथे चरण के लॉकडाउन के 11वें दिन भी शहर के अधिकांश
क्षेत्रों में लोगों की आवाजाही कम ही दिखाई दी। हालांकि गर्मी का असर भी
लॉकडाउन पर दिखाई देना शुरु हो गया है। प्रचंड गर्मी के कारण लोग घरों से
कम ही निकल पा रहे हैं। शहर के मुख्य सदर बाजार में भी लोगों की आवाजाही
कम ही दिखाई दी। सैक्टर 4 स्थित हुडा मार्किट में भी वाहनों की संख्या तो
काफी दिखाई दी, लेकिन खरीददारों की संख्या अधिक नहीं थी। दुकानदारों का
भी कहना है कि लॉकडाउन के दौरान लोग दुकानों पर कम ही आ रहे हैं। ये
दुकानदार सामाजिक दूरी का पालन करने का आग्रह भी लोगों से कर रहे हैं,
लेकिन सदर बाजार में सामाजिक दूरी को धता बताते हुए कुछ लापरवाह लोग बिना
मास्क के ही घूमते दिखाई दे रहे हैं। हालांकि जिला प्रशासन ने आदेश जारी
किए हैं कि ऐसे लोगों का चालान कर जुर्माना भी वसूला जाएगा। जिला प्रशासन
द्वारा दी गई छूट का सदर बाजार के कुछ दुकानदार नाजायज फायदा उठाने में
भी लगे हैं। जिन दुकानों का श्रेणीवार खुलने का दिन नहीं है, वे दुकानदार
भी अपनी दुकान खोलकर बैठ जाते हैं और दुकानदारी करना शुरु कर देते हैं।
हालांकि नगर निगम प्रशासन ने ऐसे दुकानदारों के खिलाफ कार्यवाही भी की
है, लेकिन उसके बावजूद भी ये लापरवाह दुकानदार अपनी आदतों से बाज नहीं आ
रहे हैं। वे दुकान का आधा शटर खोलकर दुकानदारी करने में लगे हैं। ऐसा
लगता है कि उन्हें कानूनी कार्यवाही की कोई परवाह ही नहीं है। उधर वीरवार
को गुडग़ांव दिल्ली सीमाएं सील रही। गुडग़ांव के प्रतिष्ठानों में काम करने
वाले श्रमिक वीरवार की प्रात: भी गुडग़ांव दिल्ली-सीमा पर एकत्रित हुए
दिखाई दिए, ताकि वे अपने काम पर गुडग़ांव जा सकें। लेकिन उन्हें गुडग़ांव
सीमा में प्रवेश नहीं करने दिया गया। वे मायूस होकर अपने घरों की ओर लौट
गए। दिल्ली सीमा से लगते उद्योग विहार क्षेत्र स्थित प्रतिष्ठानों के
संचालकों का कहना है कि जब तक दिल्ली में रहने वाले श्रमिकों को गुडग़ांव
में आकर काम करने की अनुमति नहीं मिलेगी, तब तक उत्पादन का पहिया पूरी
तरह से नहीं घूम पाएगा। इन संचालकों को यह भय भी सता रहा है कि जो श्रमिक
उनके यहां पहले से ही कार्यरत हैं। कहीं वे भी नौकरी छोडक़र अन्यत्र न चले
जाएं। क्योंकि वे श्रमिक पूरा उत्पादन देने में खुद को असमर्थ महसूस कर
रहे हैं। जिला प्रशासन का मानना है कि जब तक उन्हें प्रदेश सरकार की ओर
से दिल्ली-गुडग़ांव सीमाएं खोलने के आदेश नहीं मिल जाते, तब तक दिल्ली से
गुडग़ांव आने की श्रमिकों को अनुमति नहीं दी जा सकती।

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