गुरुग्राम। केन्द्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत आयोजित स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में नगर निगम गुरुग्राम ने सुधार करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर 41वां स्थान तथा हरियाणा में 7वां स्थान प्राप्त किया है। पिछले वर्ष स्वच्छ सर्वेक्षण 2023-24 में गुरुग्राम को 140वां स्थान मिला था।
इस साल नगर निगम की टीम, सफाई कर्मचारियों और नागरिकों के सम्मिलित प्रयासों से गुरुग्राम ने 99 पायदान की छलांग लगाई है, जो कि एक अच्छा सुधार माना जा रहा है। नगर निगम गुरुग्राम द्वारा हाल ही में कई स्वच्छता पहलें चलाई गईं, जिसके चलते अगले वर्ष के स्वच्छ सर्वेक्षण में और भी बेहतर सुधार आएगा और नागरिकों के सहयोग से हम गुरुग्राम को देश के टॉप स्वच्छ शहरों की सूची में शामिल कराने में सफल होंगे। इसके लिए आम नागरिकों से सहयोग और भागीदारी की अपील की गई है।
स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में गुरुग्राम ने कचरा प्रोसेसिंग के क्षेत्र में 98 प्रतिशत सफलता प्राप्त की है, जो कि एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। घर-घर कचरा संग्रहण में शहर ने 59 प्रतिशत प्रदर्शन किया है। इसके अलावा गुरुग्राम को वाटर प्लस सर्टिफिकेशन भी प्राप्त हुआ है, जो यह दर्शाता है कि शहर में उन्नत सीवेज ट्रीटमेंट और फिर से उपयोग प्रणाली मौजूद है, जो पर्यावरण मानकों पर खरा उतरती है।
गुरुग्राम की मेयर राजरानी मल्होत्रा ने कहा कि यह सफलता गुरुग्रामवासियों और निगम की टीम के सामूहिक प्रयास का परिणाम है। नागरिकों के सहयोग से अगले वर्ष गुरुग्राम निश्चित ही देश के सबसे स्वच्छ शहरों में शुमार होगा। उन्होंने नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि वे कचरा अलग-अलग करें और समय पर नगर निगम की गाडिय़ों को सौंपें। इसके साथ ही सार्वजनिक स्थलों पर कचरा न फैलाएं तथा सफाई से संबंधित शिकायतों को तत्काल निगम के पोर्टल/एप पर दर्ज कराएं। गुरुग्राम का यह सुधार न केवल शहर की छवि को बेहतर बनाएगा, बल्कि यह स्वच्छ भारत मिशन के तहत एक प्रेरणादायक उदाहरण भी पेश करेगा।
नगर निगम गुरुग्राम के आयुक्त प्रदीप दहिया ने कहा कि गुरुग्राम को मिला 41वां स्थान एक टीमवर्क का परिणाम है। हमारे जनप्रतिनिधियों, सफाई कर्मचारियों, अधिकारियों और नागरिकों ने मिलकर यह मुकाम हासिल किया है। हम अब भी निरंतर प्रयासरत हैं कि अगले स्वच्छ सर्वेक्षण में गुरुग्राम को देश के स्वच्छ शहरों में शुमार कराया जा सके। नगर निगम द्वारा कचरा निस्तारण में तेजी, डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण में बढ़ोतरी, कचरा अलगाव, ग्रीन जोन विकास और स्वच्छता जागरूकता अभियानों को प्राथमिकता दी जाएगी।