गुरुग्राम। कोरोना संक्रमण की रफ्तार कम अवश्य हुई है,
लेकिन खतरा अभी टला नहीं है। कुछ प्रदेशों में कोरोना संक्रमितों का
मिलना अभी भी जारी है। हालांकि हरियाणा, दिल्ली व अन्य निकटवर्ती
प्रदेशों में नए संक्रमितों की संख्या वर्तमान में कम ही आ रही है।
केंद्र व प्रदेश सरकारें भी कोरोना से बचाव के लिए जारी दिशा-निर्देशों
का पालन करने के लिए लोगों से आग्रह भी करती आ रही हैं। हालांकि लोगों ने
फेस मास्क व सामाजिक दूरी का पालन करना एक तरह से बंद कर दिया है। फेस
मास्क लगाए हुए तो कुछ लोग अवश्य मिल जाएंगे, लेकिन सामाजिक दूरी को एक
तरह से उन्होंने नकार ही दिया है। त्यौहारों का सीजन भी शुरु हो चुका है।
विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन भी होगा। यदि इन आयोजनों में सतर्कता नहीं
बरती गई तो आने वाले दिनों में हालात बद से बदतर भी हो सकते हैं। इसी
सबको देखते हुए केंद्र सरकार ने कोरोना प्रतिबंधों को एक माह यानि 30
सितम्बर तक और बढ़ा दिया है। सरकार ने यह फैसला कोरोना संक्रमण की तीसरी
लहर की आशंका के बीच लिया है। जो कि सही और जनहित में भी है। सरकार ने इस
आशंका को देखते हुए कोरोना प्रोटोकॉल का पालन और भीड़ से दूरी बरतना भी
जरुरी बताया है। सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय पैसेंजर उड़ानों पर भी प्रतिबंध
एक माह और बढ़ा दिया है। पिछले कुछ दिनों में देश के विभिन्न प्रदेशों
में संक्रमण के नए मामलों में भी वृद्धि हुई है। केरल जैसे प्रदेश में
नाईट कफ्र्यू के साथ लॉकडाउन भी लगाया गया बताया जाता है। जानकारों का
कहना है कि केरल के अलावा महाराष्ट, कर्नाटक, तमिलनाडू, आंध्रप्रदेश,
पश्चिम बंगाल, असम व मणिपुर जैसे राज्यों में भी संक्रमितों का आंकड़ा
चिंतित करने वाला है। उनका ये भी कहना है कि दरअसल राष्ट्रीय स्तर पर
कोरोना संक्रमण की संख्या कम होने के कारण लोगों में कोरोना के नियमों के
प्रति लापरवाही बढ़ती दिखाई दे रही है। प्रशासनिक स्तर पर भी कोरोना की
जांच कम हो रही है जबकि सितम्बर माह में तीसरी लहर आने की आशंका व्यक्त
की जा रही है। हरियाणामें टीकाकरण में गुडग़ांव अव्वल स्थान पर है। कोरोना से बचाव के लिए कोविड
प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन करना ही व्यवहारिक होगा।
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