गुरुग्राम कोरोना महामारी की दूसरी लहर से प्रदेशवासियों को
बचाने के लिए प्रदेश सरकार ने तीसरे चरण के लॉकडाउन की घोषणा की हुई है।
तीसरे चरण के लॉकडाउन के तीसरे दिन जहां शहर के विभिन्न क्षेत्रों में
यातायात सामान्य दिखाई दिया, वहीं लोग हल्की बूंदाबांदी के चलते अपने
घरों में ही अधिकांशत: छिपे रहे। जरुरी काम से ही लोग सडक़ों पर निकले।
कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए अब शहरवासियों ने भी बेवजह बाहर
निकलना बंद कर दिया है। यानि कि सरकार व जिला प्रशासन के आदेशों का पालन
करने में ही अपनी भलाई समझने लगे हैं, लेकिन कुछ लापरवाह लोग अभी भी
सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करते दिखाई नहीं दे रहे हैं।
सामाजिक दूरी का पालन करना शायद वे अपनी इज्जत के खिलाफ समझते हैं।
लॉकडाउन का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ जहां मामले दर्ज किए जा रहे हैं,
वहीं पुलिस फेस मास्क न लगाने वालों का चालान भी कर रही है। कोरोना
संक्रमितों की संख्या दिन-प्रतिदिन कम होती जा रही है और कोरोना से
स्वस्थ होने वालों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। जिला प्रशासन
ने कोरोना संक्रमित प्रभावित क्षेत्रों में कंटेनमेंट जोन बनाए हुए हैं
और बेवजह इन क्षेत्रों में आवागमन को बंद करने के लिए बांस लगाकर सील भी
किया हुआ है, लेकिन अधिकांश क्षेत्रों में लापरवाह लोग जिला प्रशासन के
आदेशों को धता बताते हुए इन बांस बल्लियों को हटाकर अपनी जरुरत के अनुसार
इस्तेामल कर रहे हैं। इस प्रकार की व्यवस्था गैर कानूनी रुप से लोगों ने
कंटेनमेंट जोन में की हुई है। जिला व पुलिस प्रशासन को इस ओर ध्यान देने
की जरुरत है, ताकि कोरोना महामारी के प्रकोप से अन्य लोगों को भी बचाया
जा सके। उधर औद्योगिक क्षेत्रों स्थित 3 बड़े प्रतिष्ठानों में शटडाउन के
बाद गत सोमवार को उन्हें प्रबंधनों ने खोल दिया था। अब इनमें भी उत्पादन
शुरु होने लगा है। कोरोना के प्रभाव से कर्मचारियों व श्रमिकों को बचाने
के लिए प्रबंधनों ने वे सभी उपाय किए हैं, जो जरुरी हैं। सैनिटाईजेशन व
सामाजिक दूरी का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। मारुति सुजूकी, हीरो
मोटोकॉर्प व होण्डा मोटर्स को कलपुर्जों की आपूर्ति करने वाले हजारों की
संख्या में ज्वाईंट वैचर्स में भी मांग के अनुसार उत्पादन होना शुरु हो
गया है। हालांकि इन प्रतिष्ठानों व ज्वाईंट वैंचर्स में भी श्रमिकों व
कर्मचारियों की संख्या प्रभावित हुई है, लेकिन कंपनी प्रबंधन अपने
कर्मचारियों के स्वास्थ्य के प्रति सजग है। वह उनके स्वास्थ्य को
प्राथमिकता देती है। प्रबंधन का कहना है कि देर सवेर में उत्पादन
धीरे-धीरे अपनी गति पकड़ लेगा, लेकिन कर्मचारियों के स्वास्थ्य का ध्यान
रखना भी बहुत जरुरी है। उधर सदर बाजार में बुधवार को हल्की रिमझिम बारिश
के कारण बाजार में खरीददारी करने आए लोगों की संख्या कम ही दिखाई दी।
अधिकांश दुकानें बंद होने के कारण दिन में ही सदर बाजार वीरान सा दिखाई दिया।
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