गुडग़ांव, गुरु द्रोणाचार्य फाउण्डेशन के अध्यक्ष प्रो.
सुभाष सपरा का कहना है कि लॉकडाउन के चलते प्रदेश की सभी शिक्षण संस्थाएं
बंद पड़ी हैं। छात्रों के सिलेबस भी पूरे नहीं हुए थे कि लॉकडाउन शुरु हो
गया। शिक्षा विभाग ने भी सिलेबस पूरे कराने की दिशा में कोई विशेष कदम
नहीं उठाए। हालांकि शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन छात्रों को शिाक्षा देने का
बीड़ा उठाया हुआ है, लेकिन छात्रों के पास संसाधनों का अभाव है, जिनका
पूरा लाभ उन्हें नहीं मिल पा रहा है। प्रदेश के सरकारी कॉलेजों के पास न
तो आधुनिक तकनीकी व्यवस्था है और न ही पर्याप्त संख्या में रेगूलर स्टाफ
है, जिससे सरकारी कॉलेजों में ऑनलाइन शिक्षा की योजना सफल नहीं हो पा रही
है। प्रदेश के सरकारी कॉलेजों में पहले से ही लेक्चरार की कमी चल रही है।
एक्सटेंशन लेक्चरार से ही कमी पूरी की जा रही है। प्रदेश में करीब 68
कॉलेजों में प्राचार्यों के पद रिक्त पड़े हैं, एक-एक प्राचार्य को कई-कई
कॉलेजों की जिम्मेदारी संभालनी पड़ रही है। उन्होंने प्रदेश सरकार से
आग्रह किया है कि लॉकडाउन खुलने के बाद एचपीएससी द्वारा स्वीकृत 2592
लेक्चरारों के पद पर भर्ती की जाए, ताकि शिक्षा व्यवस्था में सुधार हो
सके।
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