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एचटेट उत्तीर्ण किए गए उम्मीदवारों की इस माह खत्म हो जाएगी प्रमाण पत्र की वैधता जेबीटी शिक्षक बनने की लालसा धरी रह गई है दिलों में ही करीब 90 हजार उम्मीदवार होंगे प्रभावित पात्र बेरोजगारों के साथ शिक्षा विभाग कर रहा है भद्दा मजाक एचटेट की वैधता को बढ़ाने की उम्मीदवारों ने लगाई गुहार

गुडग़ांव, प्रदेश सरकार ने शिक्षक बनने के लिए पात्रता
परीक्षा (एचटेट) को अनिवार्य किया हुआ है। प्रदेश के जो युवक-युवतियां
शिक्षक बनना चाहते हैं उनके लिए यह परीक्षा उत्तीर्ण करना जरुरी है।
हजारों उम्मीदवारों ने यह परीक्षा उत्तीर्ण की हुई है। इसी जुलाई माह में
उनकी एचटेट की वैधता खत्म होने जा रही है। यदि उन्हें शिक्षक बनना है तो
उन्हें दोबारा एचटेट उत्तीर्ण करना होगा। इनमें से हजारों उम्मीदवार ऐसे
हैं, जो पात्रता परीक्षा में शामिल होने के पात्र नहीं रह गए हैं।
क्योंकि उनकी आयु सीमा निकल चुकी है। जानकारों का कहना है कि इन
उम्मीदवारों ने वर्ष 2013 में एचटेट उत्तीर्ण किया था, जिसकी वैधता वर्ष
2018 तक थी और उन्हें नौकरी नहीं मिली थी। इसलिए उन्होंने प्रदेश सरकार
से मांग की थी कि एचटेट की वैधता को बढ़ा दिया जाए, जिस पर सरकार ने 2
साल की वैधता बढ़ा दी थी। यानि कि एचटेट 5 की बजाय 7 साल के लिए वैध कर
दिया गया था, लेकिन पिछले 8 साल से जेबीटी की कोई भर्ती न निकलने पर 90
हजार में से एक भी उम्मीदवार शिक्षक के रुप में भर्ती न हो सका। जानकारों
का कहना है कि इस माह प्रमाण पत्र की वैधता खत्म होने से एचटेट पास किए
हुए उम्मीदवार बहुत चिंतित हैं। क्योंकि उन्हें दोबारा से एचटेट पास करना
होगा। कुछ तो एचटेट पास कर लेंगे, लेकिन आयु सीमा खत्म होने के कारण कुछ
उम्मीदवार एचटेट की परीक्षा में नहीं बैठ जाएंगे। सर्व कर्मचारी संघ इस
मुद्दे को लेकर आंदोलन छेडऩे की रणनीति तैयार कर रहा है। सर्व कर्मचारी
संघ का कहना है कि मौलिक शिक्षा विभाग में प्राथमिक शिक्षकों के करीब 9
हजार खाली पदों में से 6 हजार 48 गेस्ट टीचर कार्यरत हैं। उनका कहना है
कि यदि इन गेस्ट टीचर्स के पदों को भरा हुआ मान भी लिया जाए तो इसके
बावजूद 3048 पद रिक्त रहते हैं। संघ का कहना है कि करीब 2 हजार पद वर्ष
2018 में जेबीटी के शिक्षकों का टीजीटी पदों पर प्रमोशन होने से रिक्त
हुए हैं। करीब एक हजार पद रिटायरमेंट, निधन व अन्य कारणों से रिक्त पड़े
हुए हैं। यदि जेबीटी टीचर्स को प्रमोशन दे दिया जाए तो 2 हजार के करीब पद
खाली किए जा सकते हैं। यानि कि कुल मिलाकर मौलिक शिक्षा विभाग में करीब 8
हजार जेबीटी शिक्षकों को नौकरी दी जा सकती है, लेकिन विभाग ने ऐसा कुछ भी
नहीं किया। पात्र बेरोजगारों के साथ शिक्षा विभाग भद्दा मजाक कर रहा है।
एचटेट पास किए हुए इन उम्मीदवारों ने सरकार से गुहार लगाई है कि उनकी
एचटेट वैधता को बढ़ाया जाए।

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