गुरुग्राम, आशा कर्मियों का प्रतिनिधित्व करने वाली आशा
वर्कर्ज यूनियन की राज्य कमेटी के आह्वान पर लंबित पड़ी मांगों को लेकर
आशा कर्मियों ने सरकार की कर्मचारी व जनविरोधी नीतियों का विरोध करते हुए
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री व राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक के नाम
सिविल सर्जन डा. वीरेंद्र यादव को ज्ञापन सौंपा। श्रमिक संगठन सीटू के
प्रदेश उपाध्यक्ष कामरेड सतबीर सिंह, आशा वर्कर्स यूनियन की प्रधान मीरा
देवी, एसएल प्रजापति व ईश्वर नास्तिक ने कहा कि प्रदेश सरकार रिकॉर्ड
जांच करने के नाम पर आशा वर्कर्स को प्रताडि़त कर रही है। सरकार समय-समय
पर तुगलकी फरमान जारी कर कर्मचारियों को परेशान कर रही है। उन्होंने मांग
की है कि पानीपत की आशा वर्कर कविता के परिजनों को 50 लाख का बीमा दिया
जाए। आशाओं द्वारा की जाने वाली 8 एक्टिविटी का काटा गया 50 प्रतिषत भी
तुरंत वापस लागू किया जाए तथा 4000 जोखिम भत्ता दिया जाए, रिकॉर्ड रख
रखाव के लिए रजिस्टर छपवा कर दिए जाएं, गंभीर रूप से बीमार एवं दुर्घटना
के शिकार आशाओं का सरकार के पैनल अस्पतालों मे उपचार की सुविधा दी जाए,
प्रदेश सरकार का न्यूनतम वेतन दिया जाए और महंगाई भत्ते के साथ जोड़ा
जाए, ईएसआई एवं पीएफ की भी सुविधा दी जाए तथा 2018 के नोटिफिकेशन के सभी
निर्णयों को तुरंत लागू किया जाए। धरने में यूनियन की सुदेश, पिंकी,
पुष्पा, प्रमिला, बबीता आदि शामिल रही।
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