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आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां इम्युनिटी सिस्टम को बढ़ाने में हैं कारगर कोरोना से बचा जा सकता है जड़ी-बूटियों का सेवन करके : आचार्य मनीष

गुडग़ांव, कोरोना वायरस के प्रकोप से लोगों को बचाने के
लिए केंद्र व प्रदेश सरकार प्रयासरत है। हालांकि कोरोना की अभी तक कोई
सटीक दवा या औषधि नहीं बन पाई है। औषधि पर कार्य चल रहा है। कोरोना से
बचाव के लिए आयुर्वेदिक दवाईयों व जड़ी-बूटियों का ही इस्तेमाल किया जा
रहा है और पीडि़तों को इससे लाभ भी हुआ बताया जाता है। देा व प्रदेश की
सरकारें भी आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों को महत्वपूर्ण बताते हुए इनका सेवन
करने की सलाह भी देशवासियों को दी है। आयुर्वेद विशेषज्ञ आचार्य मनीष का
कहना है कि कोरोना पीडि़तों के लिए रोग-प्रतिरोधक औषधियों का वे निशुल्क
वितरण भी कर रहे हैं। उसके लिए हरियाणा, दिल्ली, गुडग़ांव में भी क्लीनिक
स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। उनका कहना है कि रोग-प्रतिरोधक
क्षमता आयुर्वेदिक औषधियों से बढ़ जाती है, जिससे कोरोना भी उनको अपनी
चपेट में नहीं ले सकता। आचार्य मनीष का कहना है कि जीरकपुर में शुद्धि
आयुर्वेदिक क्लीनिक एवं अनुसंधान केंद्र की स्थापना की हुई है। उन्होंने
गहन शोध कर पैकेज भी तैयार किया है। कोरोना महामारी के चलते जरुरतमंद
लोगों को शुद्धि हर्बल इम्युनिटी के संबंधित दवाईयां भी निशुल्क उपलब्ध
कराई। उनका कहना है कि उनके सभी उत्पादन आयुष विभाग द्वारा प्रमाणित हैं।
सामाजिक दायित्व का निर्वाह करते हुए उन्होंने जड़ी-बूटियों वाली चाय और
आयुष क्वाथ भी जरुरतमंदों को उपलब्ध कराया है। उनका कहना है कि
आयुर्वेदिक दवाईयों के सेवन करने से कोरोना से बचा जा सकता है। आचार्य का
कहना है कि भारत में आयुर्वेद का जन्म हुआ था। फिर भी एलोपैथी की तुलना
में आयुर्वेद को कम महत्व दिया जा रहा है, जोकि बड़ा ही दुखद है।

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