गुडग़ांव, आज बुधवार से सावन माह शुरु हो रहा है।
धार्मिक भावना से भी जुलाई माह का बड़ा ही विशेष महत्व है। इस माह में कई
महत्वपूर्ण व्रत और त्यौहार सावन के साथ पड़ रहे हैं। सावन माह को भगवान
शिव की आराधना का माह माना जाता है। धार्मिक ग्रंथों में भी उल्लेख है कि
जो भक्त इस पावन माह में भगवान शिव व माता पार्वती की सच्वे दिल से
पूजा-अर्चना करते हैं तो उन पर भोले बाबा की सदैव कृपा बनी रहती है। इस
बार सावन माह की यह विशेषता है कि सावन के 4 सोमवार होंगे और पहला सोमवार
22 जुलाई को होगा तथा अंतिम सोमवार 15 अगस्त को होगा। आखिरी सोमवार को
स्वतंत्रता दिवस के साथ-साथ रक्षाबंधन का पर्व भी है। इसलिए आखिरी सोमवार
का महत्व भी और अधिक बढ़ जाता है। इस सब के साथ ही प्रदोष व्रत के साथ
सर्वार्थ अमृत सिद्धि योग के साथ कई अन्य शुभ योग भी बन रहे हैं।
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए कावडिय़े भी
हरिद्वार व गौमुख के लिए रवाना हो चुके हैं। हिंदू धर्म की पौराणिक
मान्यता के अनुसार सावन माह को देवों के देव महादेव का माह माना जाता है।
पौराणिक कथा है कि जब सनत कुमारों ने महादेव से उन्हें सावन माह प्रिय
होने का कारण पूछा तो भगवान शिव ने बताया था कि जब देवी सति ने अपने पिता
दक्ष के घर में योग शक्ति से शरीर त्याग दिया था, उससे पहले देवी सति ने
महादेव को हर जन्म में पति के रुप में पाने का प्रण किया था। पार्वति ने
युवावस्था के सावन माह में निराहार रहकर कठोर व्रत किया और महादेव को
प्रसन्न कर उनसे विवाह भी किया था, जिसके बाद से ही भोले शंकर के लिए
सावन का माह विशेष हो गया। आगामी 30 जुलाई को महाशिवरात्रि का पर्व होगा,
जिसमें भक्तजन गंगोत्री व हरिद्वार से कावड़ में लाए गए गंगाजल से भगवान
शिव का जलाभिषेक करेंगे।
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