गुडग़ांव, कोरोना वायरस महामारी का प्रकोप गुडग़ांव जिले
में दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है, जिसके कारण आमजन परेशान होते दिखाई
दे रहे हैं। हालांकि प्रदेश सरकार व जिला प्रशासन इस महामारी से निपटने
के लिए व्यवस्थित रुप से जुटा हुआ है। महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते
हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर ने गत दिवस जिले के प्रशासनिक
अधिकारियों से भी बैठक कर परिस्थितियों का जायजा लेते हुए जिला प्रशासन
को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं कि वे महामारी के प्रकोप से जिलेवासियों
को निजात दिलाने के लिए वह सबकुछ करें जो संभव है। उधर प्रदेश के
स्वास्थ्य व गृहमंत्री अनिल विज जो स्वयं अस्पताल में उपचाराधीन हैं वह
अस्पताल से ही इस महामारी को लेकर जिला प्रशासन से संपर्क बनाए हुए हैं।
ऑनलाइन समुचित दिशा-निर्देश दे रहे हैं, ताकि जिलेवासियों को इस महामारी
से बचाया जा सके। अनलॉक वन के 16वें दिन जिले के विभिन्न क्षेत्रों में
आवागमन सामान्य दिखाई दिया। भीषण गर्मी के चलते भी लोग सडक़ों पर कम ही
दिखाई दिए। बढ़ते कोरोना के मामलों ने अब शहरवासियों को भी सोचने के लिए
बाध्य कर दिया है। शहरवासी जहां जिला प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन
करने में ही अपनी भलाई समझ रहे हैं, वहीं वे इस बीमारी को रोकने के
उपायों में भी अपना योगदान देते दिखाई दे रहे हैं। कुछ लापरवाह लोग आज भी
सामाजिक दूरी व फेस मास्क के इस्तेमाल का पालन नहीं कर रहे हैं। जिला
प्रशासन ने ऐसे लापरवाह लोगों को सचेत भी किया है कि वे अपनी आदत से बाज
आ जाएं, अन्यथा उनके खिलाफ कार्यवाही भी की जाएगी, लेकिन ऐसा लगता है कि
ये लापरवाह लोग जिला प्रशासन के आदेशों का महत्व ही नहीं समझते। कोरोना
के बढ़ते मामलों को लेकर जिला प्रशासन ने जहां निजी अस्पतालों में भी
कोरोना पीडि़तों को भर्ती कर उपचार करने की व्यवस्था की है, वहीं बैंकट
हॉल व अन्य स्थानों पर भी आइसोलेशन सेंटर खोलने की व्यवस्था में प्रशासन
जुट गया है। कुछ आवासीय सोसायटियों के प्रबंधन ने अपने यहां आइसोलेशन
सेंटर भी खोले हैं ताकि इनका लाभ कोरोना पीडि़तों को मिल सके। प्रशासन ने
यह व्यवस्था दूरगामी सोच के तहत की है, ताकि जरुरत पडऩे पर इन आइसोलेशन
सेंटर का उपयोग किया जा सके। कोरोना पॉजिटिव की मृत्युदर में वृद्धि होने
से शहरवासी चिंतित दिखाई दे रहे हैं। कोरोना पर विजय प्राप्त करने की दर
में भी अच्छी खासी वृद्धि बताई जा रही है, जोकि संतोष की बात है। जिला
प्रशासन की यही सोच है कि कोरोना पीडि़तों की संख्या को कम किया जाए और
इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं। कोरोना के मरीजों की जांच में भी तेजी
लाई गई है। अब जांच रिपोर्ट का भी लोगों को अधिक समय तक इंतजार नहीं करना
पड़ेगा। इसकी व्यवस्था जिला प्रशासन ने स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर की
है। प्रदेश सरकार के उच्चाधिकारी भी गुडग़ांव में ही डेरा डाले पड़े हैं
और जिला प्रशासन को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दे रहे हैं।
Comment here