गुडग़ांव, अंतर्मुखी होकर अद्यात्म अपनाने तथा
सकारात्मक रहने से किसी भी प्रकार के भय को भगाया जा सकता है। किसी
महामारी के तूफानी प्रभाव से बचने के लिए चिकित्सा कराकर उपचार तो ले
सकते हैं, लेकिन इस प्रकार की महामारी से बचने के लिए नियमों का भी पालन
किया जाना चाहिए। यह कहना है सामाजिक संस्था मंथन आई हैल्थकेयर के
संस्थापक व गीताज्ञानेश्वर डा. स्वामी दिव्यानंद महाराज का। जो उन्होंने
कोरोना का सामना कर रहे जरुरतमंदों को खाद्य सामग्री वितरित करते हुए
कही। उनका कहना है कि कोरोना वायरस से होने वाले मानसिक प्रभाव से बचने
के लिए अद्यात्म, प्रभू भक्ति व अपनी सोच सकारात्मक रखनी होगी, तभी इस
महामारी से छुटकारा पाया जा सकता है। उनका कहना है कि सभी को घरों में
रहकर लॉकडाउन का पूरा पालन मन से करना चाहिए। देशवासियों के हित में ही
लॉकडाउन लगाया गया है। श्रीमदभागवत गीता में भी कर्म को ही महत्ता दी गई
है। शरीर की प्रतिरोधात्त्मक शक्ति बढ़ाने के लिए गीता का अध्ययन भी
लॉकडाउन की अवधि में लोगों को करना चाहिए। इस नेक कार्य में समाजसेवी
बलदेन नारंग, रविंद्र दहिया, लाजपत अरोड़ा, रवि गिरधर आदि भी पूरा सहयोग
कर रहे हैं।
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