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अदालत ने बिजली चोरी का मामला पाया गलत बिजली को दिए आदेश उपभोक्ता को 4 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर से वापिस की जाए जुर्माने की राशि 4 लाख 77 हजार 551 रुपए किए थे जुर्माने के रुप में जमा

गुडग़ांव, बिजली का मीटर टैंपर कर बिजली चोरी करने के
मामले की सुनवाई करते हुए सिविल जज सोनिया श्योकंद की अदालत ने उपभोक्ता
को राहत देते हुए बिजली चोरी का आरोप गलत पाते हुए बिजली निगम को आदेश
दिए हैं कि उपभोक्ता द्वारा जमा कराया गया 4 लाख 77 हजार 551 रुपए
जुर्माना 4 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर से वापिस किया जाए। उपभोक्ता के
अधिवक्ता क्षितिज मेहता से प्राप्त जानकारी के अनुसार जिले के गांव मऊ के
निहाल सिंह ने अदालत में वर्ष 2016 की 5 दिसम्बर को सिविल सूट दायर किया
था, जिसमें गुहार लगाई गई थी कि बिजली निगम के भौड़ाकला सब डिविजन द्वारा
वर्ष 2016 की 13 अक्टूबर को मीटर चैकिंग रिपोर्ट दी गई थी, जिसमें आरोप
लगाए गए थे कि उपभोक्ता ने मीटर की सील टैंपर कर बिजली चोरी की है, जबकि
उपभोक्ता ने साफ इंकार किया था कि उसने मीटर से किसी प्रकार की कोई
छेड़छाड़ नहीं की है, लेकिन बिजली निगम ने एक नहीं सुनी और उपभोक्ता पर 4
लाख 77 हजार 551 रुपए का जुर्माना लगा दिया। बिजली का कनेक्शन न कट जाए,
इस भय से उसने जुर्माने की पूरी धनराशि का भुगतान कर दिया था। अधिवक्ता
का कहना है कि उपभोक्ता ने चैकिंग की तारीख से पहले ही यानि कि 22 जुलाई
को निगम के कार्यालय में अपना बिजली का मीटर जलने की शिकायत की हुई थी।
यदि मीटर में गड़बड़ की जाती तो उपभोक्ता यह शिकायत कभी नहीं करता। बिजली
निगम के अधिकारियों ने अदालत में जो सबूत व दस्तावेज पेश किए, उनसे
उपभोक्ता पर लगे आरोप सिद्ध होना न पाते हुए अदालत ने बिजली निगम को आदेश
दिए कि उपभोक्ता को जुर्माने की धनराशि का भुगतान 4 प्रतिशत वार्षिक
ब्याज दर से किया जाए।

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