गुडग़ांव, फर्जी शपथ पत्र देकर तलाक लेने वालों के खिलाफ
जिला अदालत की फैमिली कोर्ट की न्यायाधीश वाणी गोपाल शर्मा के आदेश पर
शिवाजी नगर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। प्राप्त जानकारी के
अनुसार शादी के कुछ समय बाद ही पति-पत्नी में विवाद होना शुरु हो गया था
तो उन्होनें म्युचुअल तलाक लेने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया। तलाक
लेने के लिए शादी को कम से कम एक साल का समय होना चाहिए था, लेकिन तलाक
लेने की ललक में पति-पत्नी ने शादी की पुरानी तारीख लिखवाकर शपथपत्र बना
डाला और उसे अदालत में जमा भी कर दिया, जिसके आधार पर उनको तलाक मिल गया
था। कुछ दिनों बाद दोनों में फिर से विवाद हो गया और पत्नी ने अदालत में
अधिवक्ता डा. अंजूरावत नेगी के माध्यम से शिकायत दायर करा दी कि शादी का
शपथ-पत्र फर्जी दिया गया था। अदालत में सुनवाई भी हुई और अदालत ने दोनों
का तलाक रद्द कर दिया था। हीरा नगर की एक युवती ने सैक्टर 17 के हरजीत से
वर्ष 2014 के नवम्बर माह में शादी की थी। शादी के कुछ दिनों बाद ही दोनों
में झगड़ा होना शुरु हो गया था। दोनों ने म्युचुअल तलाक लेने का मन
बनाया, लेकिन शादी का एक साल पूरा होने का नियम आड़े आ गया तो उन्होंने
शादी के लिए 2 फरवरी 2014 को शादी होना बताकर फर्जी शपथ पत्र तैयार करा
लिया था, लेकिन महिला ने अदालत में शिकायत दी थी कि उसके पति ने फर्जी
शपथ पत्र के आधार पर उससे तलाक लिया है। अदालत ने मामले की सुनवाई की और
शपथ पत्र में दी गई शादी की तारीख को फर्जी पाया, जिस पर अदालत ने
पति-पत्नी व अन्यों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
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