गुडग़ांव- बांग्ला भाषा के प्रसिद्ध कवि, लेखक एवं चित्रकार सुकुमार राय की जयंती पर उन्हें याद करते हुए बाल साहित्यकार डा. घमंडीलाल अग्रवाल ने कहा कि वह बच्चों के लिए हास्य कविता व कहानियां भी लिखते थे। वह गुरु रविंद्र नाथ टैगोर के प्रमुख शिष्यों में से थे। उन्होंने भारतीय फिल्मों को भी नई पहचान दिलाने का कार्य किया था। उनका जन्म 30 अक्तूबर 1887 को कलकत्ता में उपेंद्र किशोर राय के परिवार में हुआ था। वह एक लेखक एवं चित्रकार थे। उन्होंने यथार्थवादी धारा की फिल्मों को नई दिशा देने के अलावा साहित्य, चित्रकला जैसी अन्य विधाओं में भी अपनी प्रतिभा का परिचय दिया था। डा. अग्रवाल ने कहा कि सुकुमार राय विश्व में भारतीय फिल्मों को नई पहचान दिलाने वाले भारत रत्न से सम्मानित सत्यजीत राय के पिता थे। वह फिल्मकार के अलावा कहानीकार, चित्रकार और फिल्म आलोचक भी थे। डा. अग्रवाल ने साहित्य के क्षेत्र में प्रयासरत युवाओं से आग्रह किया कि वे सुकुमार राय के आदर्शों से प्रेरणा लें। यही उनके लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
लेखक व चित्रकार सुकुमार राय को उनकी जयंती पर किया याद
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