गुडग़ांव- महान स्वतंत्रता सैनानी एवं क्रांतिकारी सरदार उधम सिंह की जयंती पर उन्हें याद करते हुए श्रमिक नेता अनिल पंवार, कुलदीप जांघू, श्रवण कुमार, बलवान सिंह आदि ने श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि उधम सिंह का जन्म 26 दिसम्बर 1899 को पंजाब प्रदेश के संगरुर जिले के सुनाम गांव में एक सिख-कम्बोज परिवार में हुआ था। बाल्यावस्था में ही उनके माता-पिता का निधन हो गया था। उनका बचपन बड़े ही संकटों में बीता, लेकिन वह कभी भी विचलित नहीं हुए। देश की आजादी की लड़ाई में उन्होंने बढ़-चढक़र भाग लिया। तत्कालीन अंग्रेजी सरकार के जनरल डायर ने जलियांवाला बाग में गोलियां चलाकर नरसंहार किया था।
उधम सिंह ने तब प्रण किया था कि वह जनरल डायर को मारकर ही रहेंगे और उन्होंने लंदन पहुंचकर वर्ष 1940 में जलियांवाला हत्याकांड के 21 वर्ष बाद जनरल डायर को 13 मार्च 1940 को गोली मार दी थी, जिससे उसकी तत्काल मौंत हो गई थी। श्रमिक नेताओं ने बताया कि उधम सिंह ने घटना स्थल से भागने की कोशिश नहीं की थी। अंग्रेजी हुकूमत ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था। उन पर मुकदमा चलाया गया और 4 जून 1940 को उधम सिंह को जनरल डायर की हत्या का दोषी करार दिया गया और 31 जुलाई 1940 को उन्हें पेंटनविले जेल में फांसी दे दी गई थी। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि क्रांतिकारी शहीद उधम सिंह के दिखाए रास्ते पर चलकर ही देश व समाज का भला हो सकता है। श्रद्धांजलि देने वालों में बड़ी संख्या में श्रमिक भी शामिल रहे।
Comment here