गुडग़ांव। राजीव नगर क्षेत्र स्थित गुफा वाले शिव मंदिर में श्री शिव महापुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है। महामंडलेश्वर साध्वी आत्म चेतना गिरि महाराज कथा के विभिन्न प्रसंगों का संगीतमय शैली में वर्णन कर रही हैं।
कथा के चौथे दिन शनिवार को साध्वी ने कहा कि जिस प्रकार बरसात का पानी ऊंची जमीन पर नहीं ठहर पाता बहकर नीची जगह में ही जमता है, वैसे ही ईश्वर की कृपा भी नम्र व्यक्तियों के हृदय में ठहरती है, न कि अहंकार अभिमान वाले व्यक्तियों के हृदय में। उन्होंने कहा कि जब तक अहंकार पूरी तरह नष्ट नहीं हो जाता तब तक मनुष्य की मुक्ति नहीं होती। उन्होंने चेताया कि जब तक हमारे अंदर से मैं की जगह तुम नहीं आ जाता तब तक हमारा जीवन अधूरा है और यह आध्यात्मिक जागरण हुए बिना यह संभव नहीं है । उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को समाधि प्राप्त होकर उनका अहं चला जाता है लेकिन साधारण रूप से अहम नहीं जाता।
उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जैसे पीपल का पेड़ काट डालो तो कुछ ही समय बाद उसमें दोबारा अंकुर निकल जाते हैं इसी प्रकार हमारे अंदर अहं भाव भी शीघ्र ही जागृत हो जाता है। उन्होंने श्रद्धालुओं से आग्रह किया कि अपने भीतर अंहकार पनपने न दें, अहंकार को त्याग करें। यदि अहंकार ही करना है तो ईश्वर को अपना सर्वस्व समर्पित करें कर एक उदाहरण पेश करें। अहंकार स्वत: ही समाप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि धार्मिक ग्रंथो को पढऩे से भगवत प्राप्ति की जा सकती है परंतु उन्हें केवल पढऩे से धर्म लाभ नहीं उसके लिए महान संतों की शरण में जाकर साधना करनी होती है। मनुष्य को जब ब्रह्म ज्ञान हो जाता है तो वह अधिक नहीं बोलता।
मंदिर कमेटी के अध्यक्ष मुकेश सतीजा का कहना है कि प्रतिदिन कथा का श्रवण करने के लिए महिला पुरुषों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। क्षेत्र के गणमान्य व्यक्ति भी ध्यान लगाकर श्रवण करने के लिए पहुंच रहे हैं, वहीं साध्वी से आशीर्वाद भी प्राप्त कर रहे हैं।