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कोरोना महामारी के खिलाफ अभी लड़ाई है जारी बूस्टर डोज ही कोरोना से कर सकती है बचाव

गुडग़ांवI कोरोना महामारी के मामले विभिन्न प्रदेशों में कम अवश्य हुए हैं, लेकिन महामारी से पूरी तरह से देशवासियों को अभी छुटकारा
नहीं मिला है। केंद्र सरकार कोरोना को लेकर आज भी बड़ी गंभी दिखाई देती है। हालांकि महाराष्ट्र, तमिलनाडू व केरल राज्यों में संक्रमण के मामले धीरे-धीरे बढ़ते भी जा रहे हैं। हरियाणा व दिल्ली भी इसमें पीछे नहीं है। अकेले गुडग़ांव में प्रतिदिन 100 से अधिक नए कोरोना संक्रमितों के मामले आ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग जहां कोरोना जांच के प्रति लोगों को जागरुक कर रहा है, वहीं कोरोना से बचाव के लिए दोनों डोज देने के लिए भी प्रयासरत दिखाई दे रहा है। एहतियाती खुराक (बूस्टर डोज) देने के लिए भी स्वास्थ्य विभाग प्रतिदिन शिविरों का आयोजन कर रहा है। ताकि कोरोना के बढ़ते प्रकोप से लोगों को बचाया जा सके।

18 साल से कम उम्र के बच्चों को भी कोरोनारोधी टीके लगाए जा रहे हैं। बूस्टर डोज को लेने के लिए भी शिविरों में लोग बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। केंद्र सरकार ने भी कोविशील्ड या कॉवैक्सीन की तरह कॉर्बेक्स को भी एक अलग बूस्टर डोज के रुप में मंजूरी दे दी है। इससे स्पष्ट होता है कि कोरोना महामारी के खिलाफ अभी लड़ाई जारी है। बूस्टर डोज लेने के मामले में जो सुस्ती आई हुई है, उसे दूर करने की सख्त जरुरत है। स्वास्थ्य विभाग के जानकारों का कहना है कि कोरोना के खिलाफ घेराबंदी और मजबूत हुई है। 12 वर्ष से ऊपर के बच्चों का हालांकि अभी पूरा टीकाकरण नहीं हुआ है और देश के विभिन्न प्रदेशों से कोरोना को लेकर जो प्रतिबंध लगाए गए थे, उन्हें हटा दिया गया है। ऐसे में किसी भी तरह की ढिलाई घातक साबित हो सकती है। बूस्टर डोज के मामले में देश के विभिन्न प्रदेशों में बूस्टर डोज लेने वालों की कमी बताई जा रही है जिसे दूर करने की जरुरत है।

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