गुडग़ांव- हिंदू धर्म में देवउठनी एकादशी पर्व का बहुत बड़ा महत्व माना गया है। देवउठनी एकादशी का पर्व आज शुक्रवार को शहर के
विभिन्न मंदिरों व घरों में धूमधाम से मनाया जाएगा। इसके बाद सभी मांगलिक कार्य शुरु हो जाएंगे। ज्योतिषाचार्य पंडित डा. मनोज शर्मा का कहना है कि शास्त्रों में उल्लेख है कि देवउठनी या देवोत्थान एकादशी के दिन ही भगवान विष्णु चार माह बाद निद्रा से जागते हैं और शुभ व मांगलिक कार्य शुरु हो जाते हैं। आषाढ़ शुक्ल पक्ष की देवशयनी एकादशी को भगवान श्री हरि विष्णु 4 माह के लिए क्षीरसागर में शयन के लिए चले जाते हैं। उनका कहना है कि इस दिन भगवान विष्णु और लक्ष्मी के साथ तुलसी की पूजा करने का भी विशेष महत्व माना जाता है। इस दिन पूजा स्थल को साफ करके सांयकाल में चूना और गेरू से रंगोली बनाएं। साथ ही घी के 11 दीपक देवताओं को निमित्त करते हुए
जलाएं। द्राक्ष, ईख, अनार, केला, सिंघाड़ा, लड्डू,पतासे, मूली आदि ऋतुफल पूजा सामग्री के साथ ही रख दें। श्रद्धापूर्वक श्री हरि को अर्पण करने से श्रद्धालुओं पर कृपा सदैव बनी रहती है। शहर के विभिन्न मंदिरों में एकादशी के आयोजन की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
देवउठनी एकादशी का पर्व आज मनाया जाएगा धूमधाम से
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