NCR

अदालत ने बिजली निगम का बैंक अकाउंट अटैच करने दिए आदेश उपभोक्ता को 4 लाख 30 हजार 284 रुपए का बैंक करे भुगतान

गुडग़ांव- अदालत के आदेश का पालन न करने पर उपभोक्ता की एग्जिक्यूशन पिटीशन पर सिविल जज अनिल कुमार यादव की अदालत ने 4 लाख 30 हजार 284 रुपए के लिए बिजली निगम का बैंक अकाउंट अटैच कर दिया है और संबंधित बैंक मैनेजर को आदेश दिया है कि अदालत के आदेश का पालन करते हुए उपभोक्ता को उक्त राशि का भुगतान कर दिया जाए। उपभोक्ता के अधिवक्ता क्षितिज मेहता से प्राप्त जानकारी के अनुसार बिजली निगम द्वारा वर्ष 2015 की 24 जनवरी को जिले के गांव भौंडसी की बिजली उपभोक्ता निशा शर्मा पर
बिजली निगम ने बिजली चोरी का आरोप लगाते हुए 2 लाख 61 हजार 413 रुपए का जुर्माना लगा दिया था। बिजली का कनेक्शन न कट जाए, इस भय से उपभोक्ता ने जुर्माना राशि जमा करा दी थी और बिजली निगम के खिलाफ अदालत में केस दायर कर दिया था।

अधिवक्ता का कहना है कि वर्ष 2019 की 16 जुलाई को तत्कालीन सिविल जज सुषमा की अदालत ने बिजली निगम के बिजली चोरी के आरोपों को खारिज करते हुए निगम को आदेश दिया था कि जमा कराई गई धनराशि 12 प्रतिशत ब्याज दर से उपभोक्ता को वापिस की जाए, लेकिन बिजली निगम ने उपभोक्ता को कोई भी राशि नहीं लौटाई। जिस पर उपभोक्ता ने वर्ष 2019 की 18 नवम्बर को अदालत
में एग्जिक्यूशन पिटीशन फाइल कर दी थी। अदालत ने कई बार बिजली निगम से आग्रह भी किया कि वह उपभोक्ता को उसकी जमा कराई गई राशि ब्याज सहित लौटाए। लेकिन निगम ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। जिस पर अदालत ने उक्त आदेश देते हुए बिजली निगम के बैंक अकाउंट को अटैच कर दिया है और बैंक मैनेजर को आदेश दिए हैं कि अदालत के आदेश की पालना की जाए। अधिवक्ता का
कहना है कि इससे पूर्व भी कई मामलों में अदालत बिजली निगम का बैंक अकाउंट अटैच कर चुकी है।

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