गुडग़ांवI बिजली चोरी के मामले की सुनवाई करते हुए सिविल जज मानसी गौड़ की अदालत ने बिजली निगम द्वारा उपभोक्ता पर लगाए गए सभी आरोपों को गलत करार करते हुए बिजली निगम को आदेश दिए हैं कि उपभोक्ता द्वारा जमा कराई गई 2 लाख 6 हजार 194 रुपए जुर्माना राशि को 9 प्रतिशत ब्याज की दर से उपभोक्ता को वापिस किया जाए। उपभोक्ता के अधिवक्ता क्षितिज मेहता से प्राप्त जानकारी के अनुसार सैक्टर 23 के अनुपम खन्ना के घर लगा बिजली का मीटर बिजली निगम ने 2016 की 16 जून को लैब में चैक कराया था और उन पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने मीटर में रिमोट कंट्रोल लगाकर बिजली की चोरी की है और उन पर 2 लाख 6 हजार 194 रुपए का जुर्माना लगा दिया था।
लैब में जो मीटर चैक करना बताया गया था, वह उपभोक्ता का था ही नहीं। उसके यहां दूसरे नंबर का मीटर लगा था। बिजली का कनेक्शन न कट जाए, इस डर से उपभोक्ता ने जुर्माने की पूरी धनराशि बिजली निगम में जमा करा दी थी और बिजली निगम के आदेश को अदालत में वर्ष 2017 की 21 जनवरी को चुनौती दे दी थी। सिविल जज की अदालत ने इस मामले की सुनवाई हुई। बिजली निगम ने अदालत में जो दस्तावेज व गवाह पेश किए, उनसे उपभोक्ता पर लगे चोरी के आरोप साबित नहीं हो सके, जिस पर अदालत ने बिजली निगम के आरोपों को नकारते हुए निगम को आदेश दिए कि उपभोक्ता द्वारा जमा कराई गई धनराशि 9 प्रतिशत ब्याज दर से वापिस की जाए। अधिवक्ता का कहना है कि उपभोक्ता अब बिजली निगम के खिलाफ ह्रासमेंट का केस फाइल करने की तैयारियों में लग गया है।
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