NCR

बिजली चोरी के मामले को अदालत ने पाया गलत


ब्याज की राशि अधिकारियों ने वसूल करने के दिए आदेश
गुडग़ांव।
बिजली निगम द्वारा उपभोक्ता पर लगाए गए बिजली चोरी के आरोपों को गलत करार देते हुए सिविल जज वीरेन कादियान ने बिजली निगम को आदेश दिया है कि जमा की गई जुर्माना राशि का भुगतान 6 प्रतिशत ब्याज दर से उपभोक्ता को वापिस किया जाए और जिस अधिकारी ने जुर्माना राशि का नोटिस जारी किया था, उससे ब्याज की राशि वसूल की जाए।

सैक्टर 15 क्षेत्र के उपभोक्ता राजेश गाबा के अधिवक्ता क्षितिज मेहता से प्राप्त जानकारी के अनुसार वर्ष 2017 की 27 दिसम्बर को उपभोक्ता को 12 हजार 89 रुपए का बिजली निगम ने नोटिस देकर यह आरोप लगाया था कि उसके शीतला कालोनी स्थित दूसरे घर पर बिजली निगम का चोरी किया गया मीटर लगा है। इसलिए उस पर बिजली चोरी का आरोप लगा दिया गया। उपभोक्ता ने बिजली निगम को बताया कि उसका यह परिसर तो बंद है और वहां पर बिजली की कोई जरुरत भी नहीं है और यह जगह एयरफोर्स स्टेशन के 900 मीटर के दायरे में आती है, वहां बिजली का कनेक्शन बिजली निगम देती ही नहीं है।

बिजली निगम ने उपभोक्ता पर दबाव बनाया कि वह जुर्माना राशि जमा कर दे। जिस पर उपभोक्ता ने जुर्माना राशि बिजली निगम को जमा करा दी और निगम की इस कार्यवाही के खिलाफ अदालत में केस दायर कर दिया था। अधिवक्ता ने बताया कि अदालत में काफी समय तक यह मामला चला और अंत में अदालत ने बिजली चोरी के मामले को गलत पाते हुए बिजली निगम के अधिकारियों से ही ब्याज की राशि वसूल करने का आदेश दे दिया। अधिवक्ता का कहना है कि बिजली निगम के इस रवैय्ये से उपभोक्ता बड़ा आहत है और वह बिजली निगम के खिलाफ मानहानि का मामला भी दायर करने की तैयारी में लगा है।